आज है भाद्रपद शुक्ल एकादशी तिथि, रखें इन बातों का ध्यान

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By Pinal PatidarPublished On: September 17, 2021

आज शुक्रवार, भाद्रपद शुक्ल एकादशी/द्वादशी तिथि है। आज श्रवण नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)


आज परिवर्त्तिनी एकादशी व्रत (बालम ककड़ी) है।
आज जल झूलनी ( डोल ग्यारस) एकादशी है।
आज के दिन माता यशोदा ने कृष्ण जन्म के उपलक्ष में जल पूजन (कूप पूजन) किया था।
आज श्रवण नक्षत्र युक्त वामन द्वादशी है।
आज के दिन श्रवण नक्षत्र युक्त द्वादशी व्रत करने से जो पूर्वज प्रेत योनि में हैं, उनकी मुक्ति हो जाती है और व्रतधारी को मनोवाञ्छित फल प्राप्त होता है। (नारद पुराण उ.भा.14)
भगवान वामन का वास्तविक नाम उपेन्द्र है।
भगवान वामन के दाएं पैर के अंगूठे के नाखून से इस ब्रह्माण्ड के ऊपरी भाग में छिद्र हो गया था।
उस छिद्र से इस ब्रह्माण्ड के बाहर का जल ब्रह्मलोक में गिरने लगा था, तब ब्रह्माजी ने उस जल को अपने कमण्डलु में एकत्र कर लिया था और इसी जल से भगवान वामन का पाद प्रक्षालन किया था।
इसी जल को ब्रह्माजी ने राजा भगीरथ की तपस्या के वरदान स्वरुप गङ्गा के रूप में पृथ्वी पर भेजा था।
अनन्त ब्रह्माण्डों में इस ब्रह्माण्ड का परिचय भी इसी छिद्र के कारण है।
भगवान महाविष्णु ने सिर्फ इसी ब्रह्माण्ड में भगवान वामन के रूप में अवतार लिया है।

विजय अड़ीचवाल