जयपुर में गोविन्द देव जी को इस तरह पतंग बाज़ी के लिए आमंत्रित करते है भक्त वीडियो देख मंत्रमुग्ध हो जाएंगे आप

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By Pallavi SharmaPublished On: January 13, 2023

मकर संक्रांति में जयपुर की पतंगबाजी देश भर में मशहूर है यहां गोविंद देव जी मंदिर में एक पुरानी परंपरा है जिसमे पहले जयपुर के इस प्रसिद्ध मंदिर में बड़े मनुहार के साथ प्रभु को पतंगबाजी का निमंत्रण दिया जाता है देखिये भक्तों का एक मनुहार भरा आनन्द से भरपूर ये वीडियो वैसे तो विभिन्न योग संयोगों मे
परसो मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. संक्रांति का पुण्यकाल सुबह 8.05 से शाम 5.50 बजे तक ही है15 को दिनभर पतंगें कुलांचे भरेंगी, दिनभर चरखियां घूमेंगी, डोर आसमान नापेगी. राधे-रानी चांदी की चरखी पकड़े हैं और ठाकुरजी सोने की पतंग उड़ा रहे हैं. उमंग-उत्साह के बीच शहरवासी दिनभर छतों पर रहेंगे. दिनभर दानपुण्य का दौर चलेगा.

भगवान सूर्य की आराधना का पर्व है संक्रांति

बहरहाल, शास्त्रानुसार यह पर्व भगवान सूर्य की आराधना का पर्व है. इस दिन पवित्र तीर्थों में स्नान और दान का काफी महत्व है. नक्षत्रनाम मन्दा होने से इस माह में वैज्ञानिकों और विद्वज्जनों का रचनात्मक कार्यों में मन लगा रहेगा. संक्रांति प्रवेश के समय बालव करण रहेगा, जिससे इसका वाहन बाघ व उपवाहन घोड़ा बनेगा. भूतजाति की यह संक्रांति शरीर पर कुंकुम का लेप लगाकर पीले रंग के वस्त्र एवं चमेली के पुष्प की माला धारण करके हाथ में गदा शस्त्र लेकर चांदी के बर्तन में खीर का भोजन करती हुई बैठी हुई स्थिति में कुमारी अवस्था में दिन के द्वितीय भाग में प्रवेश कर रही है.