वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है और यह आत्मा, पिता, सम्मान, पद, प्रतिष्ठा, और सफलता का कारक है। सूर्य हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है। अरुण कुंभ राशि में शासक होते हैं और इनकी उच्च राशि वृश्चिक मानी जाती है।
वर्तमान समय में सूर्य मकर राशि में विराजमान है और रात 12 बजे के बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस समय क्रांतिकारी ग्रह अरुण मेष राशि में स्थित है, जिसके कारण सूर्य और अरुण के बीच 90 डिग्री का कोण बनेगा, जिससे केंद्र राजयोग का निर्माण होगा। इस राजयोग का प्रभाव कुछ राशियों पर सकारात्मक रूप से पड़ेगा, जानिए कौन सी राशियाँ हैं जिनके लिए यह समय शुभ हो सकता है।
![13 फरवरी से इन राशियों का बदल जाएगा भाग्य! सूर्य-अरुण की युति से बन रहा शुभ राजयोग, व्यापार में होगा बंपर मुनाफा](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2025/02/WhatsApp-Image-2025-02-12-at-10.16.24-AM.jpeg)
मेष राशि
सूर्य-अरुण का केंद्र राजयोग मेष राशि वालों के लिए शुभ साबित हो सकता है। इस दौरान आपको दोस्तों और सहयोगियों का पूरा समर्थन मिलेगा, करियर में सफलता प्राप्त होगी, और पार्टनरशिप में किया गया कारोबार लाभकारी रहेगा। इसके साथ ही, आय में वृद्धि हो सकती है और धन लाभ के अच्छे अवसर मिल सकते हैं।
कुंभ राशि
![13 फरवरी से इन राशियों का बदल जाएगा भाग्य! सूर्य-अरुण की युति से बन रहा शुभ राजयोग, व्यापार में होगा बंपर मुनाफा](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2025/02/GIS_5-scaled-e1738950369545.jpg)
केंद्र राजयोग कुंभ राशि के जातकों के लिए भी अनुकूल हो सकता है। इस समय आपको अध्यात्मिक उन्नति की ओर रुझान बढ़ सकता है, धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी, और करियर में सफलता प्राप्त होगी। नौकरीपेशा जातकों को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। मानसिक शांति मिलेगी और समाज में मान-सम्मान भी बढ़ेगा।
वृश्चिक राशि
सूर्य-अरुण का केंद्र राजयोग वृश्चिक राशि वालों के लिए भी शुभ हो सकता है। इस समय सुख-सुविधाओं में वृद्धि, प्रॉपर्टी से लाभ, और नौकरी में नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, और शेयर बाजार से भी अच्छा लाभ मिल सकता है। छात्रों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा, और व्यापारियों को धन कमाने के बेहतर अवसर मिल सकते हैं।
केंद्र योग के बारे में
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब दो ग्रह एक-दूसरे से 90 डिग्री की दूरी पर होते हैं, यानी चौथे और दसवें भाव में होते हैं, तो उसे केंद्र योग कहा जाता है। सूर्य और अरुण के बीच केंद्र योग बनने से धन लाभ, सफलता, आत्मविश्वास में वृद्धि, व्यापार में सफलता, धार्मिक कार्यों में रुचि, और समाज में सम्मान में वृद्धि हो सकती है। साथ ही, लंबे समय से रुके हुए कार्यों में भी सफलता मिल सकती है और नई संपत्ति या वाहन की खरीदारी हो सकती है।