कर्मों के हिसाब से मिलता है पुनर्जन्म, मृत्यु के बाद जीवन के कर्म से होता है फैसला

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By Pallavi SharmaPublished On: January 26, 2023

गरुड़ पुराण हिंदू धर्म में 18 महापुराणों में एक है. इसे वैष्णव संप्रदाय का महत्वपूर्ण ग्रंथ भी कहा गया है. गरुड़ पुराण में जन्म, मृत्यु, स्वर्ग और नरक के बारे में बताया गया है. व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके कर्मो का लेखा जोखा किस प्रकार होता है साथ ही मृत्यु के बाद जीवात्मा का पुनर्जन्म कैसे और किस रूप में होता है, इसका वर्णन भी गरुड़ पुराण में मिलता है.

विष्णु पुराण ग्रंथ में भगवान विष्णू अपने पक्षी गरुड़ राज को मनुष्य के नए जन्म व् पुराने जन्म के लेखा जोखा पुण्य व् पाप से जुडी सभी प्रकार की क्रिया और उसके फल क्र बारे में बताते हैं मनुष्य के द्वारा जीवनकाल में किए कर्मों के आधार पर उसके अगले जन्म का रहस्य मनुष्य के इसी जन्म के कर्मों के आधार पर पता चलता है. आइये आपको गरुड़ पुराण के अनुसार अगले जन्म से जुड़े रहस्यों के बारे में बताते हैं.

इन कर्मों से जुड़ा है अगले जन्म का रहस्य

गरुड़ पुराण के अनुसार, ऐसे लोग जो अपने माता-पिता या संतान को दुखी करते हैं. वो अगले जन्म में धरती पर जन्म नहीं ले पाते बल्कि इससे पहले ही गर्भ में उनकी मृत्यु हो जाती है.ऐसे लोग जो महिलाओं का शोषण करते हैं या कराते हैं, वो अगले जन्म में भयंकर बीमारियों से पीड़ित होते हैं और शीरीरिक कष्ट में जीवन बिताते हैं. वहीं ऐसा पुरुष जो किसी पराई महिला के साथ संबंध बनाता है, वह अगले जन्म में नपुंसक बनता है. जो लोग अपने गुरु का सम्मान नहीं करते है उसे मरने के बाद नरक में तो जगह मिलती ही है. साथ ही ऐसे लोग अगले जन्म में जल के बिना ब्रह्मराक्षस के रूप में पैदा होते हैं. क्योंकि शास्त्रों में गुरु को ईश्वर तुल्य माना गया है.गरुण पुराण के अनुसार जो अपने जीवन में धोखाधड़ी और छल-कपट करते हैं उन्हें अगले जन्म में उल्लू के रूप में जन्म मिलती है. जो लोग किसी निर्दोष के खिलाफ झूठी गवाही देते हैं उन्हें अगले जन्म में अंधेपन का शिकार होना पड़ता है. किसी की हत्या कर अपना भरण-पोषण करने वाले, लूटपाट करने वाले या पशुओं का शिकार करने वाले लोगों को गरुण पुराण के अनुसार अगले जन्म में कसाई के हत्थे चढ़ने वाले बकरे का रूप मिलता है.स्त्री की हत्या या स्त्री का गर्भपात कराने वाले व्यक्ति को नरक की पीड़ा भोगनी पड़ती है और फिर व्यक्ति का अगला जन्म चंडाल योनि में होता है.