नवरात्रि: सप्तमी के दिन जरूर करें माता कालरात्रि के इस मंत्र का जाप

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By Ayushi JainPublished On: October 3, 2020

नवरात्रि का त्यौहार पूरे नौ दिनों तक मनाया जाता हैं। इस पर्व को सबसे ज्यादा पावन पर्व माना जाता है। हिन्दू मान्यताओं में इस नवरात्रि का काफी महत्त्व है। इस दौरान सभी शुभ काम किए जाते हैं जो आगे जाकर हमे लाभ दें। साथ ही नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पुजा की जाती हैं। ऐसे में जो माँ के भक्त सच्चे मन से इन नौ दिनों में माँ के अलग अलग स्वरुप की पुजा करते हैं उनकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है। आज हम आपको नवरात्रि के सातवें दिन होने वाली कालरात्रि की पूजा और मन्त्र के बारे में बताने जा रहे है। उनकी पूजा में यह मंत्र का जाप करना बेहद शुभ मना जाता है। इस मंत्र के जाप से आपकी सारी परेशानियां खत्म हो जाती है। तो चलिए जानते है उनके बारे में –

ज्योतिषों के अनुसार, जब मां कालरात्रि अपने नाक से सांस लेती है या छोड़ती है तो आग की भयंकर लपटें निकलती दिखाई देती है। साथ ही उनका वाहन गधा है। वह अक्सर गधे पर सवार दिखाई देती है। देवी के दाएं हाथ हमेशा उपर की ओर उठा रहता है जो ये इंगित करता है कि मां सभी को आशीर्वाद दे रही है। आपको बता दे, जो लोग व्यापार वृद्धि चाहते हैं वह यन्त्र (सोने में जडा हुआ) ख़रीदे और मां के आशीर्वाद हांसिल कर लें।

आपको बता दे, नवरात्रि में सप्तमी को काफी ज्यादा महत्त्व होता है इसी महासप्तमी भी कहा जाता है। दरअसल, तांत्रिक लोग इस दिन मुख्य पूजा करके मां की कृपा प्राप्त करते हैं। साथ ही सप्तमी की पूजा भी अन्य दिनों की तरह ही होती है। लेकिन रात में इसकी पूजा का सबसे व‍िशेष व‍िधान किया जाता है। ऐसा कहा जाता है सप्तमी की रात्रि सिद्धियों की रात्रि कहा जाती है। वहीं दुर्गा पूजा का सातवां दिन सबसे ज्यादा तांत्र‍िक क्रिया की साधना करने वाले लोगों के लिए महत्‍वपूर्ण है।

कालरात्रि माता का मंत्र –

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:..