हर वर्ष ज्येष्ठ मास में आने वाला नौतपा का समय अत्यंत महत्वपूर्ण और ऊर्जा से भरपूर माना जाता है। वर्ष 2025 में नौतपा की शुरुआत 25 मई से हो रही है और यह 8 जून तक चलेगा। इस काल को अत्यधिक गर्मी और सूर्य की तीव्र किरणों के कारण विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में नौतपा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दौरान सूर्य पृथ्वी के अत्यंत निकट आ जाता है, जिससे तापमान में तीव्र वृद्धि होती है। यह समय केवल भौतिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी बहुत फलदायी माना जाता है, खासकर सूर्य देव की उपासना करने के लिए।

नौतपा के दौरान क्या करें?
नौतपा के नौ दिनों को अत्यंत शुभ माना जाता है, खासकर सूर्य उपासना के लिए। इन दिनों में प्रतिदिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। यह जल तांबे के लोटे में भरें और उसमें थोड़ी सी रोली, लाल फूल, और अक्षत मिलाएं। जल अर्पण करते समय ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें और सूर्य को अर्घ्य देते समय गिरती हुई जलधारा को निहारते हुए हाथ जोड़कर सूर्य देव का ध्यान करें। इससे मानसिक शांति मिलती है और आत्मबल में वृद्धि होती है।
नौतपा के दिनों में दान-पुण्य का विशेष महत्व
नौतपा के दिनों में दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इन दिनों गरीब और ज़रूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, फल, शीतल जल या धन का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह कार्य न केवल आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है, बल्कि सूर्य देव की कृपा भी बनी रहती है।
सूर्य देव की प्रिय वस्तुएं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव को कुछ विशेष वस्तुएं अत्यंत प्रिय होती हैं, जैसे – गाय, गुड़, तांबा, सोना और लाल वस्त्र। इन वस्तुओं को विशेष रूप से रविवार के दिन दान करने या सूर्य को अर्पित करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। साथ ही, उन्हें कदम्ब और मुकुर के फूल भी चढ़ाए जा सकते हैं, जो उनकी पूजा में शुभ माने जाते हैं।
सूर्य देव को प्रसन्न करने के मंत्र
नौतपा के दौरान सूर्य देव की कृपा पाने के लिए कुछ मंत्रों का नियमित जाप बहुत प्रभावशाली माना गया है। इनमें प्रमुख मंत्र है –
‘ॐ भास्कराय नमः’।
इस मंत्र का नित्य जाप करने से न केवल सूर्य देव का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि व्यक्ति की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है। जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
योग और सूर्य नमस्कार का महत्व
नौतपा के दिनों में सूर्य नमस्कार करना भी अत्यंत लाभकारी होता है। यह न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि यह सूर्य उपासना का एक रूप भी है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपने शरीर, मन और आत्मा को सूर्य की ऊर्जा से जोड़ सकता है।
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