Jagannath Mandir Secrets : जगन्नाथ मंदिर के 4 दरवाजे और 22 सीढ़ियों का रहस्य है खास, तीसरी सीढ़ी पर पांव रखने से क्यों बचते हैं लोग?

Jagannath Mandir Secrets : इतना ही नहीं पुरी के जगन्नाथ मंदिर में 22 सीढ़ियों का भी अपना रहस्य माना जाता है। जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश करने के लिए 22 सीधी चढ़नी पड़ती है।

Kalash Tiwary
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 Jagannath Mandir Secrets : देश में उड़ीसा में स्थित जगन्नाथ मंदिर का अपना महत्व है। जगन्नाथ मंदिर भारत के प्रसिद्ध और पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक माना जाता है। यहां भगवान विष्णु के एक रूप भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है। वही इस मंदिर के अपने ही ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है।

हर साल यहां लाखों करोड़ों श्रद्धालु प्रभु के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं लेकिन इन मंदिरों में कई ऐसे रहस्य हैं, जो इसे और भी ज्यादा प्रसिद्ध दिलाते हैं।

जगन्नाथ मंदिर में चार दरवाजे

दरअसल पुरी के जगन्नाथ मंदिर में चार दरवाजे हैं और 22 सीढ़ियां हैं। जिनका अपना ही रहस्य है। इनके बारे में कई बार चर्चा बेहद खास मानी जाती है। जगन्नाथ मंदिर के चार मुख्य द्वार हैं, जो चारों दिशाओं में स्थित है। इसके अलावा इस मंदिर में 22 सीढ़ियों का भी अपना एक रहस्य माना जाता है।

  • जगन्नाथ मंदिर के सिंह द्वारा पूर्व में स्थित है। यह मुख्य द्वार माना जाता है। सिंह द्वार के सामने ही अरुण स्तंभ है, जो मोक्ष का प्रतीक माना जाता है।
  • वहीं पश्चिम दिशा में हस्ती द्वार है। इस द्वार का प्रतीक हाथी है, जो समृद्धि और ऐश्वर्या का प्रतीक माना जाता है।
  • उत्तर दिशा में द्वार का प्रतीक बाघ को समर्पित किया गया है। जिसे ब्याघ्र द्वार कहा जाता है। इसे शक्ति और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है
  • जबकि दक्षिण दिशा में अश्व द्वार स्थित है। इसका प्रतीक घोड़ा है। जिसे विजय का द्वार कहा जाता है। जीत की कामना के लिए योद्धा इसी द्वार पर पूजा अर्चना करते थे। वहीं चारों द्वारा चार युगों को दर्शाते हैं और इसका प्रतिनिधित्व करते हैं।

जगन्नाथ मंदिर का इतिहास 

जगन्नाथ मंदिर का इतिहास हजार साल पुराना है। 12वीं सती में गंग वंश के राजा अनंतवर्मन गंगदेव ने इसे बनवाया था। वही मंदिर भगवान जगन्नाथ की पूजा का केंद्र माना जाता है। जहां भगवान अपने भाई बलभद्र और सुभद्रा के साथ विराजते हैं।

जगन्नाथ मंदिर में 22 सीढ़ियों का भी अपना रहस्य 

इतना ही नहीं पुरी के जगन्नाथ मंदिर में 22 सीढ़ियों का भी अपना रहस्य माना जाता है। जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश करने के लिए 22 सीधी चढ़नी पड़ती है। जिसे “बहसी पहाचा” भी कहा जाता है। हालांकि इन सभी सीढ़ियों में से तीसरी सीढ़ी का विशेष महत्व है। जिसे “”यमशिला कहा जाता है। मान्यता है कि इस सीढ़ी पर पैर रखने से यमलोक के दर्शन होते हैं। इसलिए भक्त इस सीढ़ी पर पैर रखने से बचते हैं।

खासकर मंदिर से लौटते समय कुछ मान्यताओं के अनुसार इस सीढ़ी पर पैर रखने से पुण्य नष्ट हो जाता है। इन सीढ़ियों का आध्यात्मिक महत्व भी बेहद अधिक है। माना जाता है की सीढ़ियां मानव जीवन की 22 कमजोरी और बुराइयों का प्रतीक है। जिस पर विजय प्राप्त करने से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। हालांकि वर्तमान समय में केवल 18 सीढ़ी ही दिखाई देती है। इन सीढ़ियों को जोड़कर यह भक्त सुभद्रा सहित बलभद्र और भगवान जगन्नाथ के दर्शन करते हैं।