प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में भारी भीड़ के कारण मालवा-निमाड़ क्षेत्र से कई परिवार अपनी यात्रा पूरी नहीं कर पाए। ऐसे में उन्होंने मौनी अमावस्या के दिन नर्मदा और शिप्रा नदियों में डुबकी लगाई और दान-पुण्य किया। इंदौर के पास स्थित नर्मदा-शिप्रा और नर्मदा-गंभीर संगम पर भी हजारों भक्त पहुंचे। यहां दोनों नदियों का जल मिलकर एक-दूसरे में प्रवाहित हो जाता है।
मौनी अमावस्या के दिन अंकोद्रेश्वर में स्नान के कारण भारी भीड़ रही, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति भी बनी। मंदिर में दर्शन के लिए भी लंबी लाइनें लगीं, जिसमें तीन से चार घंटे का समय लग रहा था। जब इस भीड़ की सूचना मिली, तो कई लोग महेश्वर और मंडलेश्वर की ओर रवाना हो गए। इन स्थानों पर भीड़ बढ़ने के बाद प्रशासन ने घाटों पर विशेष व्यवस्थाएं की थीं। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दान दिया और पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा अर्चना भी की।
संगम स्थलों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
इंदौर के पास नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा नर्मदा-शिप्रा संगम और नर्मदा-गंभीर संगम स्थल बनाए गए हैं। जो लोग नर्मदा-शिप्रा नदी तक नहीं पहुंच पाए, उन्होंने इन संगम स्थलों पर जाकर स्नान किया। उज्जैन के संगम स्थल पर भी इस दिन अधिक भीड़ देखी गई। मौनी अमावस्या के दिन स्नान का विशेष धार्मिक महत्व होता है, और इस कारण श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई।
लोग इस दिन अन्नदान और वस्त्रदान भी करते हैं। कई परिवारों ने इंदौर से प्रयागराज जाने की योजना बनाई थी, लेकिन रास्तों पर ट्रैफिक जाम की सूचना मिलने के बाद उन्होंने अपना इरादा बदल लिया। इंदौर से ट्रेन और बसों की बुकिंग भी पूरी हो चुकी है। इंदौर से प्रयागराज जाने का किराया अब 30 हजार रुपये तक पहुंच चुका है।