महाकाल मंदिर में सबसे पहले हुआ होलिका दहन, चारों और गूंज उठा जय महाकाल

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By Deepak MeenaPublished On: March 24, 2024

Mahakal Temple Holika Dahan : उज्जैन में महाकाल मंदिर में वर्षों की परंपरा का निर्वहन करते हुए सबसे पहले होलिका दहन किया गया। भक्तों ने भगवान महाकाल के साथ होलिका दहन में भाग लिया और जय महाकाल का जयघोष किया।

महाकाल मंदिर में होलिका दहन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि भगवान महाकाल होली के दिन भक्तों के पापों का नाश करते हैं। इस वर्ष महाकाल मंदिर में होलिका दहन संध्याकालीन आरती के बाद किया गया। होलिका दहन से पहले भक्तों ने भगवान महाकाल की आरती में भाग लिया और गुलाल और फूलों से होली खेली।

महाकाल मंदिर में सबसे पहले हुआ होलिका दहन, चारों और गूंज उठा जय महाकाल

होलिका दहन के बाद भक्तों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं। मंदिर परिसर जय महाकाल के जयघोष से गूंज उठा। इस बारे में जानकारी देते हुए महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित प्रदीप गुरु ने बताया कि आज सांध्य आरती के पहले बाबा महाकाल का विशेष रूप से श्रृंगार किया गया।

इसके बाद संध्या कालीन आरती में फूल और गुलाल की होली मनाई गई। इस आरती के समापन के बाद मंदिर परिसर में होलिका दहन हुआ। यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। सबसे पहले भगवान महाकाल के आंगन में होलिका दहन होता है। इसके बाद देशभर में पर्व मनाया जाता है।

वहीं पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में होलिका दहन को लेकर किसी प्रकार का मुहूर्त नहीं देखा जाता है। यहां पर निर्धारित समय पर होलिका दहन किया जाता है। आज भी पंडित और पुरोहित परिवार की ओर से महाकाल के आंगन में विशेष पूजा अर्चना की गई जिसके बाद होलिका का दहन किया गया।