आज गणेश चतुर्थी है। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। जैसा की आप सभी जानते हैं गणेशोत्सव पूरे देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हर कोई त्यौहार का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करता है। लेकिन इस बार कोरोना के चलते इसकी धूम बाजारों में थोड़ी फीकी रहेगी लेकिन आप अपने घर में बप्पा का जोर शोर से स्वागत कर खुशियां माना सकते हैं। आपको बता दे, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश में गणेश चतुर्थी प्रमुखता के साथ मनाई जाती है।
इस बार श्रीगणपति देव की पूजा के लिए दोपहर में 02 घंटे 36 मिनट का मुहूर्त है। वहीं आप 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट के मध्य विघ्नहर्ता विनायक की पूजा कर सकते हैं। स्थापना करने के बाद आपको इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। आज हम आपको राशि के अनुसार गणेश जी के मंत्र बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं –

ये है गणेश जी के मंत्र –
आपको बता दे, इन मंत्रों के जाप से आपको बड़े लाभ होंगे। आपकी हर मनोकामना भी पूरी होंगी। आज के दिन गणेश चतुर्थी के इन मंत्रों के जाप अवश्य करें। इन मन्त्रों के जाप से आप गणेश जी को खुश कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद ले सकते हैं।
- श्री महागणपति प्रणव मूलमंत्र: ऊँ.
ऊँ वक्रतुण्डाय नम:.
- श्री महागणपति प्रणव मूलमंत्र: ऊँ गं ऊँ.
महाकर्णाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्.।
- ऊँ गं गणपतये नम:।
ऊँ श्री गणेशाय नम:.
- ऊँ नमो भगवते गजाननाय.
ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्.
- श्री गणेशाय नम:.
महाकर्णाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्.।
- ऊँ श्री गणेशाय नम:.
ऊँ गं गणपतये नम:।
दूर्वा जरूर अर्पित करें
- ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्.
ऊँ गं ऊँ.
चँदन की धूप जलायें
- ऊँ हीं श्रीं क्लीं गौं ग: श्रीन्महागणधिपतये नम:।
ऊँ.
हीं श्रीं क्लीं गौं वरमूर्र्तये नम:.
ऊँ गं गणपतये नम:।
- हीं श्रीं क्लीं नमो भगवते गजाननाय.
ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्.