RBI Monetary Policy : रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार 10वीं बैठक ली। जिसमें उन्होंने नीतिगत दरों को स्थिर रखा है। बताया जा रहा है कि ये बैठक तब हुए जब डेढ़ साल से भी अधिक समय से ब्याज दरों के स्थिर रहने के बाद इन दरों को बढ़ाने का दबाव बनाया जा रहा था। लेकिन अब एक बार फिर कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा बढ़ रहा है। इसने एक बार फिर अर्थव्यवस्था की चुनौतियां बढ़ा दी गई है।
जानकारी के मुताबिक, एमपीसी ने अभी भी रेपो दर को चार फीसदी के दर पर बनाए रखा है। ऐसे में रिवर्स रेपो दर भी 3.35 फीसदी के पुराने स्टार पर बना हुआ है। ऐसे में रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था को इस कोरोना के समय में सहारा देने के लिए अकोमोडेटिव रुख अपनाने का फैसला लिया है। इन दिनों की हालत को देखते हुए मार्केट एक्सपर्ट्स को पहले से उम्मीद थी कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास पिछली बार की इस बार भी पॉलिसी रेट में कोई चेंज नहीं करेंगे।
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इन दिनों की हालत को देखते हुए मार्केट एक्सपर्ट्स को पहले से उम्मीद थी कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास पिछली बार की इस बार भी पॉलिसी रेट में कोई चेंज नहीं करेंगे। जानकारी के अनुसार, हाल ही में हुई 10 वीं बैठक में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि रेपो दर मई 2020 के बाद से ही निचले स्तर पर है। दरअसल, मई 2020 की बैठक में आरबीआई ने रेपो दर को घटाकर चार फीसदी कर दिया था। ये पिछले 21 सालों का सबसे निचला स्तर है।