आर्टिकल
5 राज्यों में चुनावी हो-हल्ला : जनता को मीठे वादों का जूस पिलाने दो…बस एक बार सरकार बनाने दो….
शीतलकुमार ’अक्षय’ । कोरोना की तीसरी लहर के कोहराम में देश के पांच राज्यों में चुनाव का बिगूल बज गया है। जिन पांच राज्यों में चुनाव होना है वहां न
कब तक हम हबीबियों को कोसेंगे? कब तक लव जिहाद पर गुर्राएंगे?
नितिन मोहन शर्मा जावेद हबीब की हरकत नाक़ाबिल ऐ बर्दाश्त है। लेकिन प्रश्न सबसे अहम वही है….की ये हमारे कुल खानदान की महिलाओं को जरूरत क्या है हबीब के पास
आखिर क्यों नहीं कसते रेत माफियाओं पर लगाम….
संपादकीय प्रदेश में रेत माफिया हावी है…यह बात निश्चित ही सरकार के अफसर ही नहीं जानते बल्कि सरकार के मुखिया स्वयं शिवराज भी जानते होंगे बावजूद इसके रेत माफियाओं पर
पीएम सुरक्षा में चूक और सियासत के अचूक सवाल !
अजय बोकिल पंजाब के फिरोजपुर में पार्टी रैली को सम्बोधित करने जा रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काफिले में सुरक्षा चूक और बिना रैली में जाए पीएम की वापसी, जितना
सरवटे बस स्टैंड के पुराने दुकानदारों के साथ वादाखिलाफी क्यों ?
अर्जुन राठौर सरवटे बस स्टैंड को जब तोड़ा गया और इसके निर्माण का कार्य शुरू हुआ तब वहां के 14 से अधिक दुकानदारों को नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त ने
कमलेश्वरजी को याद करते हुए
जयंती/जयराम शुक्ल पिछले पैतीस साल की पत्रकारीय यात्रा में मेरे दिल-ओ-दिमाग में जिन कुछ शख्सियतों की गहरी छाप रही है उनमें से कमलेश्वर जी प्रमुख हैं। आज उनका जन्मदिन है।
आरक्षण की मृगतृष्णा को पहले समझिए!
साँच कहै ता/जयराम शुक्ल स्वतंत्रता के बाद भारतमाता की पुनर्प्राणप्रतिष्ठा का सपना पाले गांधी जी इहलोक से प्रस्थान कर गए। अन्ना जैसे सभी समाजसेवी कहते हैं कि आज गांव संकट
C21 मॉल के खिलाफ कार्रवाई ठंडे बस्ते में क्यों चली गई ?
C21 मॉल के खिलाफ पिछले दिनों काफी हल्ला मचा और कहा गया कि नगर निगम द्वारा इस मॉल की नपती ली जा रही है। और यह भी कहा गया है
सुनी-सुनाई : खबरों के केन्द्र में नरोत्तम
रवीन्द्र जैन आजकल मप्र की राजनीति में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सबसे अहम हो गये हैं। मीडिया उनकी हर हरकत पर पैनी नजर बनाये हुए है। पिछले दिनों केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद
राजवाड़ा 2 रेसीडेंसी
अरविंद तिवारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तो सबकी सुनते हैं और सबके साथ तालमेल जमा कर चलने में भरोसा रखते हैं। चाहे वह उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी हो या फिर
अब अन्य पिछड़ा वर्ग बन रहा गले की फांस….
राज-काज दिनेश निगम ‘त्यागी’ – पंचायत चुनाव कब तक के लिए टल गए, कोई नहीं जानता लेकिन ओबीसी आरक्षण का मसला भाजपा और कांग्रेस के लिए गले की फांस बनता
बिछड़े साथी बारी बारी .. ( पुस्तक समीक्षा )
ब्रजेश राजपुत २०२१ का साल बीत गया मगर बीता साल बहुत कुछ जिन्दगी में रीत गया. हमारी आपकी ज़िन्दगी में ऐसा खालीपन का दौर पहले कभी नहीं आया जो पिछले
कई नए वर्षों के उल्लास वाला देश है भारत
(प्रवीण कक्कड़) ठिठुरती ठंड में नया साल दस्तक दे चुका है। जगह-जगह नए साल के कार्यक्रम हो रहे हैं। बधाइयों का तांता लगा है। कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी
हर पल मनाए जिन्दगी का जश्न
जयराम शुक्ल समय की गति के हिसाब से हर नया विहान ही नया वर्ष है। हर क्षण अगले क्षण की पृष्ठभूमि बनता जाता है। सृष्टि के अस्तित्व में आने के
अखबारों में विचार अब घाटे का सौदा!
जयराम शुक्ल पत्र-पत्रिकाओं में एक दिलचस्प होड़ प्रायः देखने को मिलती है। होड़ यह दावा स्थापित करने के लिए है कि बाजार में सबसे प्रभावी उपस्थिति हमारी है। कोई पीछे
डर मत, बाबू चुनाव तो हर हाल में होना…!
अजय बोकिल धर्मराज युधिष्ठिर से यक्ष ने यदि यह प्रश्न किया होता कि हमारे देश में सबसे जरूरी क्या है, तो वो क्या जवाब देते? आज के संदर्भ में इस
क्या देश में ‘गृह युद्ध’ को आमंत्रित किया जा रहा है?
-श्रवण गर्ग हरिद्वार (उत्तराखंड) में पिछले दिनों संपन्न विवादास्पद ‘धर्म संसद’ में भाग लेने वाले सैकड़ो महामंडलेश्वरों, संतों, हज़ारों श्रोताओं और आयोजन को संरक्षण देने वाली राजनीतिक सत्ताओं के लिए
ये है अराजकता की नई परिभाषा
हर मुद्दे पर राजनीति और धार्मिक आस्था के नाम पर जनता को बरगलाते हुए रोटियां सेंकना नेताओं का प्रिय शगल है… जिस नगर निगम ने इंदौर को देश और दुनिया
मेधा और सौम्यता की जीवंत प्रतिमूर्ति थे डाक्टर साहब…!
पुण्यस्मरण/जयराम शुक्ल देश के नवें राष्ट्रपति डा.शंकरदयाल शर्मा जी( जन्म: 19 अगस्त 1918, भोपाल मृत्यु: 26 दिसंबर 1999, नई दिल्ली) के स्वागत का यह सुअवसर(चित्र में दृष्टव्य) तब मिला था
जीवन में जरूरी है “सेहत से संवाद”
(प्रवीण कक्कड़) वर्ष 2021 अपने अंतिम सप्ताह में है। अच्छी बुरी तमाम बातें जल्द ही स्मृति का हिस्सा बन जाएंगी। कुछ नए संकल्प जीवन में आएंगे। उनमें जो सबसे पहला
























