उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का प्रयागराज शहर गंगा, जमुना और अदृश्य सरस्वती तीन नदियों के संगम स्थल पर बसा हुआ है। अवध क्षेत्र में आने वाले प्रयागराज (Prayagraj) को सनातन धर्म में उल्लेखित सभी तीर्थों का राजा कहा जाता है। ताजा जानकारी के अनुसार प्रयागराज शहर में स्थित गंगा और यमुना नदी के जलस्तर में बीते दो दिनों से बेतहाशा बढ़ौतरी देखी जा रही है। गौरतलब है कि गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में यह बढ़ौतरी प्रयागराज शहर में हुई बारिश की वजह से नहीं बल्कि उद्गम पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि और ग्लेशियर के पिघलने की वजह से हो रही है।
खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है जल स्तर
तीर्थराज प्रयागराज में स्थित गंगा और यमुना नदी का पिछले दो दिनों से बेतहाशा बढ़ता जलस्तर खतरे के निशान को किसी भी घड़ी छू सकता है। पहाड़ी राज्यों में हो रही अतिवृष्टि और ग्लेशियरों के पिघलने के साथ ही, जुड़े हुए राज्यों की नदियों पर बने बाँध खोले जाने से यह स्थिति प्रयागराज में निर्मित हुई है। हालांकि अभी स्थिति खतरे से बाहर और नियंत्रण में है और बाढ़ जैसे हालात नहीं बन रहे हैं, परन्तु प्रकृति के संदेशों को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है।
प्रयागराज में अलर्ट घोषित
तीर्थराज प्रयागराज में स्थित गंगा और यमुना नदी में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए प्रशासन के द्वारा संबंधित क्षेत्रों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। क्षेत्र के निचले इलाकों को खाली करा लिया गया है और नाविकों को भी सचेत कर दिया गया है। इसके साथ ही लाइफ सेविंग जैकेट्स की उपलब्धि भी खतरे को देखते हुए सम्पन्न कराइ गई है। इसके साथ ही बाढ़ जैसे हालात से निपटने की पूर्व तैयारियां भी प्रशासन के द्वारा कर ली गई है।