इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के रेट में उतार-चढ़ाव के बीच भारतीय तेल कंपनियों ने आज, 07 नवंबर को भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रखी हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है.
अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में उतार चढ़ाव के बीच देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है तेल की कीमतों में आज भी कोई बदलाव नहीं आया है
पिछले कई महीनो से नहो बदले दाम
पिछले कई महीनों से पेट्रोल -डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं.अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में उतार-चढ़ाव के बीच राष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार स्थिर हैं. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) की आधिकारिक वेबसाइट iocl.com के लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लेकर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई तक आज, को भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
आज दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 106.31 रुपये व डीजल की कीमत 94.27 रुपये प्रति लीटर है। कोलकाता में पेट्रोल का दाम 106.03 रुपये जबकि डीजल का दाम 92.76 रुपये प्रति लीटर है। वहीं चेन्नई में भी पेट्रोल 102.63 रुपये प्रति लीटर तो डीजल 94.24रुपये प्रति लीटर है।
हाल ही में रुपया गिरकर अपने अब तक के सबसे निम्न स्तर 72.12 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया था. फिर चूंकि भारत अपने कुल तेल का 80 फीसदी आयात करता है और वह दुनिया भर में तेल का सबसे ज्यादा आयात करने वाले देशों में तीसरे नंबर पर है. तो जैसे-जैसे रुपये के दाम गिरते जा रहे हैं, आयात मंहगा होता जा रहा है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल के रीटेल दाम (जिसपर आप इन्हें खरीदते हैं) भी कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के हिसाब से बढ़ते जा रहे हैं.
पूरी दुनिया में बढ़ रही है कच्चे तेल की कीमतें
अमेरिका ने ईरान पर परमाणु प्रयोगों के चलते व्यापार प्रतिबंध लगा रखे हैं. ऐसे में ईरान के कच्चे तेल के निर्यात में कमी आई है. ईरान तेल का बड़ा निर्यातक देश है. और भारत ईरान के तेल का बड़ा आयातक है. ईरान से सबसे ज्यादा तेल खरीदने वाले देशों में भारत दूसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर चीन है. अमेरिका ने अपने सहयोगियों को नवंबर से ईरान से तेल लेने से मना किया है. इसके पीछे अमेरिका का मकसद ईरान पर दबाव बनाना है. ऐसे में भारत को कच्चे तेल के लिए दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ रहा है. भारत को दूसरों से कच्चा तेल लेने के लिए ज्यादा कीमतें भी अदा करनी पड़ रही हैं. इसके अलावा भी तेल के उत्पादन में दुनियाभर में कमी आई है.
रेवेन्यू का सबसे बड़ा जरिया है पेट्रोल
पेट्रोल और डीजल जिस रेट पर ग्राहकों को मिलता है. उस रेट में 50 फीसदी सरकार का टैक्स होता है. ऐसी हालत में देश के सबसे बड़े कच्चे तेल आयातकों में से एक इंडियन ऑयल जब डीलर को पेट्रोल 39.22 रुपये प्रति लीटर में बेचता है. तो उसके बाद पेट्रोल के रेट में डीलर का मुनाफा, राज्य का वैट और केंद्रीय उत्पाद शुल्क (सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी) भी जोड़ी जाती है. ये सब जुड़ने के बाद ग्राहकों के लिए पेट्रोल 80 रुपये प्रति लीटर हो जाता है. महाराष्ट्र इस वक्त पेट्रोल और डीजल पर मुंबई, थाणे और नवी मुंबई के इलाकों में सबसे ज्यादा टैक्स लगाता है. यही वजह है कि पूरे भारत में मुंबई में पेट्रोल-डीजल की कीमतें सबसे ज्यादा होती हैं.
इसके अलावा चूंकि डीजल और पेट्रोल की कीमतें GST के दायरे में नहीं आती हैं. ऐसे में राज्य सरकारों पर इनपर VAT कम करने की कोई बाध्यता नहीं होती है. जिससे पेट्रोल और डीजल के दाम ज्यादा बने रहते हैं. हालांकि राजस्थान ने VAT कम करके पेट्रोल-डीजल के रेट में कटौती की है.