मरीज को मिलेगा बेहतर इलाज! इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में 500 से अधिक प्रतिभागी होंगे शामिल

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इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आयुष्मान भारत के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें इंदौर, धार, देवास और उज्जैन सहित विभिन्न शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचओ शामिल हुए।

इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जीएस पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा सीएचओ प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए इंडेक्स मेडिकल कॉलेज को केंद्र बनाया गया। यहाँ अगले दो महीने तक 11 सत्रों में प्रदेश के 500 से अधिक सीएचओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें सामान्य आपातकालीन मामलों, जैसे जलना, जहर व ट्रामा से जुड़े मरीजों का प्रारंभिक और बेहतर इलाज कैसे करे, इस बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आमतौर जलने या जहरीला पदार्थ खाने के बाद ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कई मरीज सीएचओ या केंद्र तक पहुँचते हैं। ऐसे आपातकालीन समय में बेहतर इलाज और प्रबंधन के जरिए आप भी मरीज की जान बचा सके हैं। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में खासतौर पर आपातकालीन सेवाओं में सीएचओ को सभी जानकारी होना बेहद जरूरी होता है।

सही समय पर इलाज मिले, यह प्राथमिकता

इमरजेंसी मेडिसिन की असिस्टेंट प्रो. डॉ. मेहुल श्रीवास्तव ने बताया कि आमतौर पर साँप या बिच्छू के काटने पर कई बार मरीज को पुराने देशी इलाज पहले दिए जाते हैं। स्थिति गंभीर होने के बाद उसे स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल तक लाया जाता है। ऐसे समय में सीएचओ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है कि वह प्रारंभिक इलाज देकर मरीज को जल्द से जल्द किसी नज़दीकी बड़े अस्पताल तक पहुँचाए। कई बार जले हुए मरीजों के मामले में भी सही समय पर इलाज मिलना प्राथमिकता होती है। ऐसे समय में सीएचओ के साथ अन्य स्वास्थ्य कर्मी की भी जिम्मेदारी है कि वह मरीज को आपातकालीन स्थिति में बेहतर स्वास्थ्य सेवा दे, जो आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का मुख्य उद्देश्य है।

इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया व वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। शुभारंभ अवसर पर मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजीव नारंग, डीन डॉ. जीएस पटेल, एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव, डॉ. राहुल तनवानी, डॉ. मेहुल श्रीवास्तव, समन्वयक सुधा विश्वकर्मा, और पीजी डॉ. उत्कर्ष मिश्रा उपस्थित थे।