इंदौर 07 जून, 2021: आईआईएम इंदौर में भारतीय डाक सेवाओं के अधिकारियों के लिए ऑनलाइन प्रबंधन विकास कार्यक्रम 07 जून, 2021 को प्रारंभ हुआ। दो सप्ताह के इस कार्यक्रम (07-18 जून, 2021) का उद्घाटन ऑनलाइन मोड में प्रोफेसर हिमाँशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर; अलका झा, सदस्य-योजना और मानव संसाधन विकास, भारतीय डाक सेवाएं; पी.एम. लाल, निदेशक, रफी अहमद किदवई राष्ट्रीय डाक अकादमी (आरएकेएनपीए); और अंबेश उपमन्यु, अतिरिक्त निदेशक, भारतीय डाक सेवा और कार्यक्रम के पाठ्यक्रम समन्वयक की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर प्रोफेसर सुबीन सुधीर, चेयर, एग्जीक्यूटिव एजुकेशन, आईआईएम इंदौर, और प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर मनोज मोतियानी और प्रोफेसर मनीष पोपली, फैकल्टी, आईआईएम इंदौर भी उपस्थित थे।
प्रोफेसर राय ने आपदाओं के दौरान राष्ट्रीय सेवाओं – बैंक, प्रशासनिक सेवाएं, डाक सेवाएं आदि के लचीलेपन की सराहना की । उन्होंने कहा कि इस चौथी औद्योगिक क्रांति के बाद की दुनिया में, जिस तरह के कौशल की आवश्यकता होगी वो प्रबंधन संस्थानों द्वारा परंपरागत रूप से प्रदान की गयी शिक्षा से भिन्न होगी। ‘आज सपने हकीकत बनते जा रहे हैं, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और बिग डेटा एनालिटिक्स हमारे वर्तमान कार्यों और नौकरियों में काफी तत्वों को संभालने लगे हैं। इसलिए, आने वाले समय में मनुष्यों को और भी अधिक जटिल निर्णय लेने होंगे। इसलिए, हमें यह सीखने की जरूरत है कि सही चुनाव कैसे करें और सही निर्णय कैसे लें’, उन्होंने कहा। उन्होंने अधिकारियों को एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए अपनी दृष्टि को कल्पनाशील बनाने की; जुनून और करुणा को एक साथ जोड़ने की; और मेहनत और लगन से काम कर के धैर्यवान बनने की सलाह दी ।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए, सुश्री झा ने कहा कि यह कार्यक्रम उन्हें भारतीय डाक सेवाओं के लिए आवश्यक कौशल के लिए अधिक से अधिक ज्ञान और अनुभव हासिल करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, ‘कार्यक्रम में भाग लेने वाले अधिकारी अपने करियर के मध्य बिंदु पर पहुंच गए हैं और यह उनकी विशेषज्ञता के ज्ञान को बढ़ाने का सही समय है।
उन्होंने कहा कि डाक सेवाएं हमेशा से बहुत पारंपरिक रही हैं, लेकिन महामारी ने इस विभाग को कुछ महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं; जैसे कि विभाग अपने मजबूत नेटवर्क के साथ न केवल खुद को मजबूत कर सकता है बल्कि सरकार और लोगों की अपेक्षाओं को भी पूरा कर सकता है। यह कार्यक्रम अधिकारियों को उन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सीखने और खुद को विकसित करने में मदद करेगा। ‘महामारी ने ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को गति दी है। ज्ञान साझा करने के लिए यह ‘न्यू-नॉर्मल’ है। मुझे उम्मीद है कि अधिकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम को पसंद करेंगे और इसका रचनात्मक उपयोग करेंगे’, उन्होंने कहा।
लाल ने उल्लेख किया कि इस बैच में शामिल अधिकारीयों के पास 15-17 वर्षों का कार्य अनुभव है और यह भारतीय डाक सेवाओं में सबसे बड़े हितधारकों में से एक है। ‘ये अधिकारी ही हैं जो वर्तमान परिदृश्य और डाक सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए विभाग का नाम आगे बढ़ाएंगे। हमें उनसे बहुत उम्मीदें हैं और हमें विश्वास है कि यह कार्यक्रम नेतृत्व, प्रबंधन, रणनीति और निर्णय लेने के मामले में उनके कौशल को बढ़ाएगा’ उन्होंने कहा।