अब सरकारी कर्मचारी भी RSS के कार्यक्रमों में होंगे शामिल, मोदी सरकार ने पलटा 58 साल पुराना फैसला

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केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर एक अहम फैसला लिया है. 58 साल पहले लगा प्रतिबंध हटा लिया गया है. सरकारी कर्मचारी अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं और कार्यक्रमों में शामिल हो सकेंगे।

इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार की सेवा में सरकारी कर्मचारियों के संबंध में 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के आदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख किया गया है. इससे अब केंद्र सरकार के कर्मचारी यूनियनों की शाखाओं और कार्यक्रमों में जा सकते हैं.

कांग्रेस ने सरकार की आलोचना की

कांग्रेस ने सरकारी कर्मचारियों पर लगे छह दशक पुराने प्रतिबंध हटाने को लेकर सरकार की आलोचना की है. इस संबंध में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट लिखा है. इसमें कहा गया है कि 1948 में अंबा गांधी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था. अच्छे व्यवहार के वादे के बाद प्रतिबंध हटा दिया गया।

संघ ने कभी भी नागपुर में राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया है. इसके कारण 1966 में सरकारी कर्मचारियों के संघ में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 4 जून 2024 को संघ और अप्राकृतिक प्रधानमंत्री के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो जाती है. इसके चलते 9 जुलाई 2024 को 58 साल पुराना प्रतिबंध हटा लिया गया है. यह प्रतिबंध तब भी लागू था जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे.

पवन खेड़ा ने भी सरकार पर हमला बोला

कांग्रेस के एक अन्य नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन खेड़ा ने भी केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने इस फैसले को लेकर एक्स से नाराजगी जताते हुए कहा, ”58 साल पहले केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन अब मोदी सरकार ने इस आदेश को पलट दिया है.”

30 नवंबर 1966 को इंदिरा गांधी ने सरकारी कर्मचारियों के संघ की शाखाओं और कार्यक्रमों में जाने पर प्रतिबंध जारी कर दिया। इसके बाद मोदी सरकार ने उन प्रतिबंधों को रद्द कर दिया है. इस फैसले का असर आज से शुरू हो रहे संसद सत्र पर दिखने की संभावना है.