जनता के सामने PK-CK सब फीके, प्रशांत किशोर पर मिश्रा का जोरदार पलटवार

Akanksha
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narottam mishra

भोपाल : पश्चिम बंगाल में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव है और इससे पहले लगयात प्रदेश में सियासी बयान बाजियां जरी है. इसी बीच जाने-माने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीते कल दिए एक बयान के चलते वे लगातार भाजपा नेताओं के निशाने पर बने हुए हैं. अब मध्यप्रदेश के गृह मंत्री मनरोत्तम मिश्रा ने प्रशांत किशोर पर करारा हमला किया है और उन्हें कहा है कि, वे ज्यादा राजनीति के बारे में अधिक न बोले, उन्हें जो काम दिया गया है वो काम करें. मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए मिश्रा ने कहा कि, ‘पीके और सीके सब फीके होते हैं जब जनता खड़ी होती है. यही प्रशांत किशोर थे जो बिहार में तेजस्वी यादव की लालटेन बुझा कर आए. अब ममता की तृणमूल भी तिनके की तरह उड़ती दिखेगी.’

प्रशांत किशोर का ट्वीट…

बात दें कि, सोमवार को चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट किया था. पीके नाम से भी अपनी पहचान रखने वाले प्रशांत किशोर ने कहा था कि, भारतीय जनता पार्टी आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव में दही का आंकड़ा भी नहीं छू पाएगी. इस पर भाजपा की ओर से लगातार पलटवार किया जा रहा है. प्रशांत ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ‘समर्थक मीडिया के एक वर्ग द्वारा सभी प्रचार के लिए, वास्तव में BJP #WestBengal में दहाई के आंकड़े के लिए भी संघर्ष करती दिखेगी. कृपया इस ट्वीट को सहेज कर रख लें और यदि भाजपा कोई बेहतर काम करती है तो मैं यह स्थान(ट्विटर) छोड़ दूंगा.’

कैलाश विजयवर्गीय ने भी बोला था हमला…

सोमवार शाम को प्रशांत किशोर पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल चुनाव में अहम भूमिका अदा कर रहे कैलाश विजयवर्गीय ने भी हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि बंगाल चुनाव के बाद देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा. विजयवर्गीय ने ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ‘ ‘भाजपा की बंगाल में जो सुनामी चल रही हैं, सरकार बनने के बाद इस देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा.’

टीएमसी को लगा तगड़ा झटका…

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पहले शनिवार को ममता बनर्जी को बहुत बड़ा झटका लगा है. शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दो दिवसीय बंगाल दौरे का पहला दिन था. शनिवार को मिदनापुर में शाह की रैली थी. इस दौरान शाह के मंच पर उनकी मौजूदगी में टीएमसी के 11 विधायकों, एक सांसद और एक पूर्व सांसद ने भाजपा की सदस्यता ले ली थी. बंगाल की सियासत में इसे फिलहाल सत्तारूढ़ टीएमसी के लिए बहुत बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है.