MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सुरक्षा में एक गंभीर चूक का मामला सामने आया है। यह घटना भोपाल, सूबे की राजधानी में हुई, जहाँ मुख्यमंत्री के काफिले के गुजरने के दौरान आवश्यक पुलिस बल की तैनाती नहीं की गई थी।
काफिले के रूट पर पुलिस की अनुपस्थिति
जानकारी के अनुसार, सीएम मोहन का काफिला जिस मार्ग से गुजरने वाला था, वहाँ पुलिस बल तैनात नहीं था। हैरानी की बात यह है कि इस स्थिति की जिम्मेदारी संभालने वाले हेड कांस्टेबल को मैसेज नहीं दिया गया था। जब अधिकारियों ने इस मामले की जांच की, तो पता चला कि थाने में तैनात हेड कांस्टेबल ने मैसेज सुनने के बाद भी सीएम के प्रोटोकॉल की जानकारी अपने स्टाफ को नहीं दी।
लापरवाही पर कार्रवाई
इस लापरवाही के कारण पुलिस प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाए। जानकारी के अनुसार, डीसीपी ने स्पष्ट आदेश दिए थे कि मुख्यमंत्री के गुजरने वाले रूट पर पुलिस बल तैनात होना चाहिए था। लेकिन, कोहेफिजा थाने का पुलिस बल संबंधित मार्ग पर नहीं पहुंचा। इस लापरवाही के लिए जोन तीन के डीसीपी रियाज इकबाल ने कोहेफिजा थाने के प्रधान आरक्षक संदीप बाथम के वेतन वृद्धि पर एक साल के लिए रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री की सुरक्षा के मामले में इस प्रकार की चूक न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि यह सुरक्षा के प्रति गंभीरता की कमी भी उजागर करती है। यह घटना भविष्य में ऐसी चूकों से बचने के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आई है।