Mohan Cabinet Decision : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने हाल ही में अपनी साल 2024 की अंतिम कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं, जो प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। इन फैसलों में न केवल आम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के उपाय शामिल हैं, बल्कि पर्यावरण, कृषि और धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण पहलें की गई हैं।
आइए जानते हैं इन फैसलों के बारे में विस्तार से…
अब घर बैठे मिलेगा सर्टिफिकेट
मध्यप्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य के नागरिकों के लिए ऑनलाइन जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र की सुविधा शुरू करने का फैसला लिया है। अब लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। वे खुद ही सर्टिफाइड दस्तावेज़ ऑनलाइन बना सकेंगे। हालांकि, यदि किसी ने गलत प्रमाणपत्र जारी किया या अपात्र प्रमाणपत्र प्राप्त किया, तो उस व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी। यह फैसला शासन में सुधार और जनता की सुविधा के दृष्टिकोण से लिया गया है।
उज्जैन में 29 किलोमीटर लंबा घाट बनाने की योजना
उज्जैन में सिंहस्थ महाकुंभ के दौरान आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए, शिप्रा नदी के किनारे 29 किलोमीटर लंबा घाट बनाने की योजना है। कैलाश विजयवर्गीय, नगरीय विकास मंत्री ने जानकारी दी कि यह घाट शिप्रा नदी के दाएं किनारे पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक बनेगा। इसकी कुल लागत 771 करोड़ रुपए आएगी। इस घाट के निर्माण से श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाएं मिलेंगी, खासकर सिंहस्थ महाकुंभ के दौरान, जब एक दिन में दो करोड़ तक लोग उज्जैन में आते हैं।
11 KV फीडर्स को सोलर से जोड़ा जाएगा
कृषि क्षेत्र में सुधार के तहत, कृषि के लिए 11 केवी फीडर्स को सोलर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा। इससे किसानों को दिन के समय भी पर्याप्त बिजली मिल सकेगी। इस योजना के तहत प्रति मेगावाट सोलर ऊर्जा प्लांट के लिए 4 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें भारत सरकार 1 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करेगी। इस परियोजना में निजी क्षेत्र भी निवेश कर सकता है।
मध्यप्रदेश में सौ प्रतिशत सिंचाई रकबा
मध्यप्रदेश सरकार ने सौ फीसदी सिंचाई रकबा बनाने का बड़ा लक्ष्य तय किया है। इसके लिए केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना पर काम तेज़ी से चल रहा है। इन परियोजनाओं से राज्य के सिंचाई क्षेत्र में भारी बढ़ोतरी होगी। विशेष रूप से, पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना से राज्य के 6.13 लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। इस परियोजना के 19 में से 16 योजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है, और बाकी पर काम चल रहा है। इन योजनाओं के जरिए प्रदेश में जल की उपलब्धता और सिंचाई की व्यवस्था बेहतर होगी।
आदिवासी विकास के लिए समेकित योजना
मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए धरती आबा योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत, राज्य के 52 जिलों में आदिवासियों के लिए पंचायत, आंगनबाड़ी और स्कूल भवनों का पंजीकरण किया जाएगा। आदिवासी क्षेत्रों में विशेष रूप से 50 फीसदी से अधिक आदिवासी आबादी वाले गांवों को इसका लाभ मिलेगा। यह योजना आदिवासी समाज की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
कैबिनेट बैठक में अन्य अहम फैसले
कैबिनेट बैठक में कई अन्य अहम फैसले भी लिए गए, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- इंटर्नशिप के स्टायपेंड में वृद्धि: पॉलिटेक्निक और यूनानी चिकित्सा संस्थाओं के छात्रों के स्टायपेंड को महंगाई सूचकांक से जोड़ा जाएगा। महंगाई बढ़ने पर उनके स्टायपेंड की राशि में भी बढ़ोतरी होगी।
- अटल ग्रामीण सेवा सदन: पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के तहत प्रदेश की सभी पंचायतों में अटल ग्रामीण सेवा सदन बनाए जाएंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।
- जन कल्याण शिविर: मोहन सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर प्रदेश के 70 फीसदी जिलों में जन कल्याण शिविर लगाए गए हैं। इन शिविरों के दौरान सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए लाखों आवेदन आए, जिनमें उज्जैन में 94 हजार फॉर्म प्राप्त हुए।
रेलवे के तर्ज पर तत्काल रजिस्ट्री सेवा
मध्यप्रदेश सरकार ने घर और प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए तत्काल सेवा शुरू करने का ऐलान किया है, जो रेलवे के तत्काल टिकट सिस्टम की तरह होगी। इस सुविधा के तहत नागरिकों को पंजीयक कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी, और न ही स्लॉट के लिए इंतजार करना पड़ेगा। जैसे ही स्लॉट की औपचारिकता पूरी होगी, रजिस्ट्री तुरंत हो जाएगी। हालांकि, इस सेवा के लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा।