Indore News : महेश्वरी हैंडलूम के ताने-बाने में बुनी कला और इतिहास की विरासत

Mohit
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इंदौर। महेश्वरी हैंडलूम सिर्फ कपड़ा नहीं बल्कि यह हमारी प्राचीन कला, संस्कृति और इतिहास की विरासत है। अपने समय में राजमाता अहिल्याबाई होल्कर ने भी महेश्वर में बुनकरों को संरक्षण देकर उनकी कला की विरासत को सहेजने का अभूतपूर्व प्रयास किया था। यही कारण है कि आज भी महेश्वरी हैंडलूम के डिज़ाइन में महेश्वर के किले पर बनी आकृतियां नज़र आती है और यही महेश्वरी हैंडलूम की सबसे प्रमुख पहचान भी है। समय के साथ लोगों की रूचि हाथ से बुनकर बनाई गई इन शानदार कलाकृतियों में कम होने लगी, जिससे लाखों बुनकरों के सामने बेरोजगारी का संकट आ गया। कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के बाद इनकी स्थिति और भी गंभीर हो गई।

Indore News : महेश्वरी हैंडलूम के ताने-बाने में बुनी कला और इतिहास की विरासत

इसी बात को ध्यान में रखते हुए एचडीएफसी परिवर्तन और सुविधा एनजीओ ने साथ मिलकर ‘समग्र ग्रामीण विकास कार्यक्रम’ के तहत इन बुनकरों की मदद करने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है। इस प्रोग्राम के तहत महेश्वर की 100 महिलाओं को हैंडलूम की नई तकनीकों से जुड़ा प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण के बाद उनके द्वारा तैयार की गई साड़ियों और ड्रेस मैटेरियल्स को एक प्लेटफार्म उपलब्ध करवाने के लिए इंदौर के टीआई नेक्स्ट मॉल में किंग्स इवेंट एंड प्रोमोशंस के सहयोग से दो दिनी “द रॉयल महेश्वरी हैंडलूम एक्सिबिशन” लगाई गई। एक्सिबिशन में न सिर्फ लोगों को इनके द्वारा तैयार किए खूबसूरत कपड़े देखने और खरीदने का मौका मिला बल्कि सीधे बुनकरों से बात करके महेश्वरी कपड़े के ताने-बाने में बुनी कहानियों को जानने का अवसर भी मिला।Indore News : महेश्वरी हैंडलूम के ताने-बाने में बुनी कला और इतिहास की विरासत

इस मौके पर सुविधा एनजीओ के प्रोग्राम मैनेजर धीरज खेतवाल ने कहा कि इस प्रोग्राम के तहत हम पिछले साल जून से इन सभी को प्रशिक्षण दे रहे थे। खास बात यह है कि ये सभी महिलाएं महेश्वर के आस-पास के ग्रामीण इलाकों से हैं और इनके परिवार में किसी ने भी इससे पहले हैंडलूम पर काम नहीं किया है। अब इन सभी बुनकरों का प्रशिक्षण पूरा हो गया है और इन्हीं के द्वारा तैयार किए गए हैंडलूम को हम “गांव ऑरिजनल्स” ब्रांड नेम के तहत लोगों तक पहुंचाने जा रहे हैं। यह एक्सिबिशन भी इसी प्रयास का पहला चरण है।

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हम महेश्वर में एक शो रूम भी शुरू करने जा रहे हैं, जहाँ से लोग सीधे इन बुनकरों से ऑथेंटिक महेश्वरी हैंडलूम खरीद पाएंगे। साथ ही ऑनलाइन खरीददारी के लिए हमने एक वेबसाइट www.gaonoriginals.com भी तैयार की है, इस वेबसाइट पर महेश्वरी हैंडलूम के साथ ही ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गए अन्य उत्पाद भी उपलब्ध होंगे। “गांव ऑरिजनल्स” में हम समग्र ग्रामीण विकास कार्यक्रम के जरिए इस क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों को हैंडलूम का प्रशिक्षण, सभी जरुरी सुविधाएँ, संसाधन, मशीने और वित्तीय सहायता भी प्रदान करेंगे। साथ ही इन लोगों को व्यवसाय के अवसर उपलब्ध करवाएं जाएंगे। किंग्स इवेंट एंड प्रोमोशंस के को-फाउंडर देव प्रजापति ने बताया कि इन बुनकरों व्यवसाय के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए हम समय-समय पर इस तरह की एक्सिबिशन लगाते रहेंगे।

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