अपने सरल व्यक्तित्व और विनम्रता के कारण हमेशा याद आएंगे अजय राठौर उर्फ अज्जू भाई

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By Ayushi JainPublished On: May 9, 2021

अर्जुन राठौर

विश्वास नहीं होता कि अज्जू भाई यानी अजय राठौर हमारे बीच नहीं रहे अज्जू भाई के परिवार में कोरोना ने पहले ही उनके भाई जय राठौर के दो पुत्रों को छीन लिया था और अब अज्जू भाई की खबर आने के बाद तो ऐसा लगता है कि परिवार पर भयानक वज्रपात हो गया है ।
अज्जू भाई अपने सरल व्यक्तित्व तथा मिलनसार स्वभाव के कारण कांग्रेस ही नहीं हर वर्ग के लोगों में बेहद लोकप्रिय थे पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के सबसे करीबी लोगों में अज्जू भाई जाने जाते थे लेकिन माधवराव सिंधिया के अकस्मात जाने के बाद अज्जू भाई ने कांग्रेस की सक्रिय राजनीति से लगभग रिश्ता तोड़ सा लिया था।

अपने सरल व्यक्तित्व और विनम्रता के कारण हमेशा याद आएंगे अजय राठौर उर्फ अज्जू भाई

इससे पहले उन्होंने क्षेत्र क्रमांक 2 में कांग्रेस की तरफ से विधानसभा का चुनाव लड़ा था और उन्हें अच्छे वोट भी मिले थे ऐसे समय में जब की राजनीति बेहद दूषित हो गई है तब अज्जू भाई को लेकर लोग कहा करते थे कि उन्हें राजनीति से दूर नहीं होना चाहिए उन्हें राजनीति में सक्रिय रहना चाहिए ।

उनसे मेरी अंतिम मुलाकात लगभग डेढ़ वर्ष पहले नीमा नगर स्थित एक मैरिज गार्डन में हुई थी जहां पर अज्जू भाई सपरिवार आए थे मैंने वहां पर खाना खाया लेकिन अज्जू भाई ने वहां पर कुछ भी नहीं लिया जब मैंने उनसे पूछा कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि वे बाहर का कुछ भी नहीं खाते ।अज्जू भाई का व्यक्तित्व बेहद प्रभावशाली था और वे इस बात का पूरा ध्यान रखते थे कि कुछ भी गलत खाने में नहीं आ जाए । शारीरिक व्यायाम के साथ-साथ वे मानसिक रूप से भी बेहद शक्तिशाली थे ।उनके विचार स्पष्ट होते थे वे अपनी बातों को बेहद बेबाक तरीके से रखते औऱ उसमें कोई लाग लपेट नहीं होता था ।

समझ में नहीं आता कि अजय राठौर जी का परिवार कैसे कोरोना की चपेट में आ गया और हालात ऐसे क्यों बिगड़े की एक ही परिवार के 3 लोगों की मृत्यु हो गई अज्जू भाई जिससे भी दोस्ती करते थे उससे हमेशा रिश्ते निभाते वे आगे रहकर लोगों से बातें करते थे और उनकी बातें बड़ी दिलचस्प हुआ करती थी रीगल पेट्रोल पंप पर उनकी स्थाई बैठक थी शाम को अज्जुभाई वहां पर आ जाते जब तक गोविंद खादीवाला जी जिंदा रहे तब तक उनके साथ और उसके बाद भी अज्जू भाई की बैठक यहीं पर रही ।

अज्जु भाई याने अजय राठौर जी ने कभी भी राजनीतिक विवादों में पड़ना पसंद नहीं किया वे बेहद सादगी पसंद थे उन्होंने अपना विवाह भी मात्र 30, 40 लोगों की उपस्थिति में किया था वे आडंबर से बेहद दूर रहते थे और वे कहते भी थे कि फालतू दिखावा नहीं होना चाहिए । आज से कुछ महीनों पहले जब सब कुछ खुला हुआ था तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक भयानक विनाशकारी समय हमारी प्रतीक्षा कर रहा है और वो हमारे अपनों को इतनी तेजी से छीन कर ले जाएगा । उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।