राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन ‘मिल्खा’, PM समेत कई हस्तियों ने जताया दु:ख

Share on:

पंजाब : कोरोना महामारी ने न जाने कितने ही हीरों को अपना शिकार बनाया है, जिसमे आज 91 साल के मिल्खा सिंह का नाम भी शामिल हो चूका है जिसे दुनिया ‘फ्लाइंग सिख’ के नाम से जानती है। जी हाँ, कल देर रात बड़ी ही दुखद खबर सामने आई है जिसके मुताबिक कोरोना से मौत की जंग लड़ने के बाद आखिरकार मिल्खा सिंह हार गये। और देर रात उनके निधन की खबर सामने आ ही गई।

आपको जानकार हैरानी होगी कि  इसी हफ्ते उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का निधन भी कोरोना के कारण हो गया था, निर्मल मिल्खा सिंह की उम्र 85 वर्ष थी। आपको बता दे कि बीते दिनों ही मिल्खा सिंह कोरोना निगेटिव हुए थे, लेकिन अचानक से उनकी तबीयत नाजुक होने लगी इसके बाद उन्हें चंडीगढ़ के PGI अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां उनका निधन हो गया। मिल्खा सिंह का अंतिम संस्कार आज शाम चंडीगढ़ के सेक्टर 25 स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, वीपी सिंह बदनौर सेक्टर-25 श्मशान घाट में मौजूद हैं। यहीं पर मिल्खा सिंह का अंतिम संस्कार किया गया है। साथ ही पंजाब सरकार के कई मंत्री, बड़े नेता और अधिकारी भी मौजूद मिल्खा के अंतिम सफर में शामिल हुए उनके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया।

बताया गया मिल्खा सिंह के अंतिम संस्कार के लिए उनके पार्थिव शरीर को सेक्टर-8 वाले घर से ले जाया गया जिसके बाद शव वाहन के साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। वहीं  पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मिल्खा सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से होगा और पंजाब में एक दिन का शोक भी रखा जाएगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मिल्खा सिंह के अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थल पर भी पहुंचे।

PM  समेत कई हस्तियों ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा है ”हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया है।” वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर मिल्खा सिंह के निधन पर शोक प्रकट किया है।

अंतिम सांस तक मौत से लड़ाई लड़ी: डॉक्टर
मिल्खा सिंह को बुधवार से ही सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही थी। उनकी मौत की वजह भी यही रही। डॉक्टर के मुताबिक ऐसी हालत में कोई युवा भी एक घंटा जीवित नहीं रह सकता, लेकिन दिग्गज धावक ने 10 -12 घण्टे अंतिम सांस तक मौत से लड़ाई लड़ी।