Mauni Amavasya : हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बेहद खास महत्व होता है। लेकिन जब शनिवार के दिन अमावस्या पड़ती है तो इसे शनिचरी अमावस्या (Shanichari Amavasya) कहते हैं। शास्त्रों में शनि अमावस्या का खास महत्व होता है। शनि अमावस्या पर शनिदेव की विशेष रूप से पूजा – अर्चना की जाती है। इस वर्ष शनि अमावस्या 21 जनवरी 2023 को पड़ रही है। साथ ही इस बार इस दिन मौनी अमावस्या पड़ रही है। इसके साथ शनि के कुंभ राशि में रहते हुए दुर्लभ संयोग भी बनेगा और 4 अन्य प्रकार के शुभ योग भी बन रहें है। इस कारण से शनि अमावस्या का महत्व बढ़ गया है। आइए जानते हैं वर्ष 2023 के पहले शनि अमावस्या का शुभ मुहूर्त, तिथि, योग और पूजा मुहूर्त.
शनि अमावस्या तिथि और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार माघ माह की अमावस्या तिथि 21 जनवरी को सुबह 06 बजकर 16 मिनट से शुरू हो जाएगी और अगले दिन मतलब 22 जनवरी को सुबह 2 बजकर 21 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के मुताबिक शनि अमावस्या 21 जनवरी को मनाई जाएगी। शनि अमावस्या पर गंगा स्नान,दान और शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन शनिदेव की पूजा करने के लिए शाम का वक़्त उपयुक्त रहता है।
शनि अमावस्या शुभ योग 2023
इस बार शनि अमावस्या पर कई तरह के शुभ संयोग बन रहे हैं। इस बार शनि अमावस्या पर खप्पर योग, चतुग्रही योग, षडाष्टक योग और समतप्तक योग बन रहा है। इसके अतिरिक्त इस बार शनि अमावस्या पर शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण की राशि कुंभ मे मौजूद रहेंगे।
शनि अमावस्या पूजा विधि
ज्योतिषों के अनुसार, शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से ग्रसित राशि के जातक पर अशुभ असर को कम करने के लिए शनि अमावस्या के दिन सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनिदेव की पूजा करें। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस दिन एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें। इसके अतिरक्त इसे आप शनि मंदिर में कटोरी समेत तेल रखकर आ सकते हैं। इस उपाय से शनि दोष में रहत मिलेगी।
शनि अमावस्या के एक दिन पूर्व यानी शुक्रवार को सवा पाव काली उड़द की दाल को एक कपड़े में बांधकर पोटली बना लें और इसे अपने पास रात में रखकर सो जाएं। वहीं अगले दिन यानी शनिचरी अमावस्या पर इस दाल की पोटली को किसी शनि मंदिर में रखें। ज्योतिष के मुताबिक, ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।