Masik Shivratri 2021: कब है मार्गशीर्ष मास की शिवरात्रि, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

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Masik Shivratri 2021: हिन्दू पंचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि व्रत प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। इस बार मार्गशीर्ष मास की शिवरात्रि का व्रत 02 दिसंबर 2021 को रखा जाएगा। प्रत्येक माह की यह तिथि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इसलिए इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

Pradosh Vrat 2021

मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति मासिक शिवरात्रि का व्रत विधि-विधान से रखता है उसे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उसके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और संतान प्राप्ति, रोगों से मुक्ति के लिए भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। भक्त सभी प्रकार के रोगों से मुक्त होता है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक व्रत और पूजन करने से भगवान शिव की अपार कृपा प्राप्त होती है। जानिए मासिक शिवरात्रि का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि….

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मार्गशीर्ष शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की चतुर्दशी तिथि 02 दिसंबर 2021 दिन बृहस्पतिवार को रात 08 बजकर 26 मिनट से आरंभ हो जाएगी और 03 दिसंबर 2021 दिन शुक्रवार को शाम 04 बजकर 55 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का समापन होगा। शिवरात्रि का पूजन रात्रि में करने का विधान है इसलिए इस बार शिवरात्रि का व्रत 02 दिसंबर को किया जाएगा।

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मासिक शिवरात्रि व्रत विधि
सुबह जल्दी उठें और नित्यकर्म के बाद स्नान करें। अब घर के मंदिर में दीप जलाएं। सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। अगर आपके घर में शिवलिंग है तो शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें। गंगा जल नहीं होने पर आप साफ पानी से भी भोले बाबा का अभिषेक कर सकते हैं। जिनके घर में शिवलिंग नहीं है वे भोले बाबा का ध्यान करें। भगवान शिव की आरती करें। भगवान शिव के साथ माता पार्वती की आरती भी करें। इस दिन अपनी इच्छानुसार भगवान शंकर को भोग लगाएं। भोग में कुछ मीठा भी शामिल करें।

Masik Shivaratri 2021

महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

शिव पंचाक्षरी मंत्र:
”नमः शिवाय”