महाराष्ट्र (Maharashtra) में अपनी सरकार गंवा चुके उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर राजनैतिक आघातों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले महीने से जारी सियासी उठापटक ने उनके राजनीतिक अस्तित्व के लिए ही चुनौती खड़ी कर दी है । एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के अधिकतम विधायकों के द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी गई थी, जिसके बाद उन्हें मजबूर होकर अपना इस्तीफा सौपना पड़ा था। जिसके बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के सभी बागी विधायकों के समर्थन से और बीजेपी के सहयोग से महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाई। जानकारी के अनुसार अब शिवसेना के 18 में से 15 सांसद भी उद्धव ठाकरे खेमा छोड़कर एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल होने जा रहे हैं।
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शिवसेना के 40 विधायक हैं एकनाथ शिंदे के समर्थन में, सिर्फ 15 हैं ही उद्धव ठाकरे के साथ
बीते महीने से शिवसेना में जारी विधायकों की बगावत ने महाराष्ट्र की राजनीति का पूरा परिदृश्य ही परिवर्तित कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का सरकार गंवाना, एकनाथ शिंदे का सीएम बनना सभी शिवसेना के विधायकों की बगावत का परिणाम रहा। ज्ञात्वय है कि शिवसेना के कुल 55 विधायकों में से 40 विधायक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थन में हैं, केवल 15 विधायक ही उद्धव ठाकरे के साथ बने हुए हैं। इसके साथ ही आघातों का सिलसिला आगे बढ़ते हुए महाराष्ट्र की विभिन्न निगमों तक भी पहुंचा, जिसमें की मुंबई और ठाणे जिलों की नगर निगम में शिवसेना के कई पार्षद भी उद्धव ठाकरे से हाथ छुड़ाकर एकनाथ शिंदे का दामन थाम बैठे।
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अब शिवसेना के 18 में से 15 सांसद भी हुए एकनाथ शिंदे के साथ
विधायकों और निगम पार्षदों की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे पर आघात कहाँ रुकने वाले थे। अब जानकारी मिल रही है कि शिवसेना के 18 सांसदों में से 15 सांसद भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में बुधवार देर रात इन सांसदों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की है।खबर है कि यह मुलाक़ात राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में हुई थी।