खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू ने कोविड मरीजों के क्लैम देने में बीमा कंपनियों की मनमानी; एम्स की गाईड लाइन की आड़ लेने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा।
मालू ने कहा कि एक तरफ तो रोजगार नहीं, व्यापार नहीं, अस्पताल कैश लेस नहीं दे रहे, मरीजों से नगद जमा करवा रहे हैं।दूसरे बीमा कम्पनियां क्लेम में बिल के आधे काट रही है, कँही क्लेम से ही एम्स की गाइड लाइन के आधार पर पल्ला झाड़ रही है, जो पीड़ित दुःखी परिवार पर और वज्रपात है।जबकि ऐसे आपदा के समय ही, बीमा सुरक्षा कवच बन सकता है,लेकिन बीमा धारक ठगा महसूस कर रहें हैं।किसी को अस्पताल में भर्ती होने का शौक नहीं, जो बीमा कम्पनियाँ मरीज की भर्ती होने की जरूरत पर ही प्रश्नचिन्ह लगाकर क्लेम खारिज कर अन्याय करे।
मालू ने वित्त मंत्री से मांग की, कि बीमा कंपनियों को निर्देशित करें कि वे मनमाने ढंग से काम न करे और मानवीय, व्यवहारिक पहलू को ध्यान में रखे।
यदि बिलों में कोई मनमानी कीमत ली गई है तो उस अस्पताल पर जिला प्रशासन से कार्रवाई करवाए।बीमा कम्पनियाँ ऐसे प्रकरणों पर धारकों के हित में प्रशासन को नियमानुसार कार्रवाई के लिए लिखे,और राशि वापस दिलवाएं, क्योंकि जो गलत है वह हर जगह गलत है।ऐसे अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त किए जाएं।
हॉस्पिटल केश लेस से इंकार नहीं कर सकते ऐसे निर्देश जारी कर दिये हैं ।और इस मामले को भी वे संज्ञान में लेकर दिखवा रहीं हैं, शिघ्र बीमा रेगुलेटरी बोर्ड से बात कर निराकरण करेंगी,ऐसा मुझे चर्चा में कहा वित्त मंत्रीजी ने।
गोविन्द मालू