स्वरकोकिला , स्वरसम्राज्ञी, सरस्वती और ऐसी ना जाने कितनी उपमाओं से अलंकृत भारत की सुप्रसिद्ध दिवंगत महागायिका सुश्री लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का जन्म आज ही के दिन यानी 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के तोपखाने इलाके में गुरुद्वारे के नजदीक हुआ था। उनके पिता जी मास्टर दीनानाथ मंगेशकर एक शास्त्रीय गायक, संगीतकार और रंग मंच के अभिनेता थे। बचपन से ही लता को कला और संगीत में विशेष रूचि अपने पिता के इन्ही अनुवांशिक गुणों के कारण प्राप्त हुई और बाल्यकाल से ही वे अपने पिता के साथ गायन कला और संगीत विद्या के साथ ही रंगमंच के अभिनय से भी भली भाँती परिचित हो गईं थी।
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गाए 30000 से अधिक गाने
स्वरसम्राज्ञी लता मंगेशकर ने अपने पुरे जीवन काल में लगभग बीस से अधिक भाषाओं में करीब 30000 से अधिक गाने गाए। अपने पिता की असमय हुई मृत्यु के बाद अपनी तीन छोटी बहनें आशा, उषा और मीना के साथ ही सबसे छोटे भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर की जिम्मेदारी भी लता ताई के मासूम कांधो पर आने के बाद उन्होंने पूरी सक्रियता और तन्मयता के साथ अपने गायन कैरियर को आकाशीय ऊंचाई तक पहुंचाया। इसके साथ ही उन्होंने अपने शुरूआती दौर में नूरजहां सहित कुछ एक फिल्मों में चरित्र भूमिकाएं भी अदा करी।
2001 में ‘भारत’ ने माना ‘रत्न’
स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर को अपने पुरे गायन कॅरियर में अनगिनत राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया जिनमें वर्ष 2001 में मिला भारत का सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न भी शामिल है । लता जी को कुल मिले पुरस्कारों के नाम इस प्रकार हैं – फिल्म फेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 और 1994) राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 और 1990), महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 और 1967), 1969 – पद्म भूषण, 1974 – दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड, 1989 – दादा साहब फाल्के पुरस्कार, 1993 – फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार, 1996 – स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार, 1997 – राजीव गांधी पुरस्कार, 1999 – एन.टी.आर. पुरस्कार, 1999 – पद्म विभूषण, 1999 – ज़ी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार, 2000 – आई. आई. ए. एफ. का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार, 2001 – स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार,2001 – भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ,”भारत रत्न”2001 – नूरजहाँ पुरस्कार, 2001 – महाराष्ट्र भूषण।
6 फरवरी 2022 को हुआ निधन
अपने मधुर स्वर से भारत के जनमानस में सरस्वती की वाणी घोलने वाली लता मंगेशकर इसी वर्ष 6 फरवरी 2022 को माँ सरस्वती के चरण कमलों में समाहित हो गईं। मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली। लता ताई के निधन के वक्त उनकी आयु लघभग 93 वर्ष थी। उनके निधन से देशभर सहित दुनिया के संगीत और कलाप्रेमियों में शोक की लहर छ गई थी। अपने मधुर कंठ से गाए गीतों के लिए उन्हें सदा सदा के लिए याद किया जाएगा।