राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 जुलाई को हुए कठुआ आतंकी हमले की निंदा करते हुए इसे कायरतापूर्ण कृत्य बताया, जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए और उन्होंने कड़े जवाबी कदम उठाने का आह्वान किया। जिसकी निंदा की जानी चाहिए। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ चल रहे इस युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुरों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।
रक्षा मंत्रालय ने शहीद हुए सैनिकों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। एक प्रवक्ता ने पोस्ट कर बताया कि, राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा और उनके बलिदान का बदला नहीं लिया जाएगा और भारत हमले के पीछे की बुरी ताकतों को हरा देगा।
8जुलाई को जम्मू और कश्मीर के काठा जिले में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में सेना के पांच जवान मारे गए और कई घायल हो गए। इस बीच, हमले के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हमले के बाद, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), और जम्मू और कश्मीर पुलिस के जवानों को उधमपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग (NH44) पर तैनात किया गया है।
यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि अमरनाथ यात्रा के 11वें जत्थे के तीर्थयात्रियों ने मंगलवार सुबह उधमपुर से यात्रा की। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। 9 जून से,कठुआ और डोडा में चार स्थानों पर आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसमें अमरनाथ यात्रा में आये नौ तीर्थयात्री, एक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का जवान शहीद हो गया। जहां एक नागरीक व कई पुलिस बल के जवान शहीद हुए है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को मिशन मोड में काम करने और समन्वित तरीके से त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।