Kartik Maas 2021: कल से कार्तिक मास शुरू, इन नियमों से करें भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी को प्रसन्न

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Kartik Maas 2021: कार्तिक मास हिन्दू धर्म में बेहद पवित्र महीना माना जाता है .यह चातुर्मास का आखिरी महीना है .इसी महीने में तुलसी का रोपण और विवाह सर्वोत्तम होता है। यह महीना भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे अनुकूल समय होता है। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक के समान कोई मास नहीं है, न सतयुग के समान कोई युग और वेद के साथ समान कोई शास्त्र और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं है।

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इस महीने में श्रद्धापूर्वक मां लक्ष्मी और नारायण की पूजा करने वाले जातकों को कभी धन की कमी नहीं होती। इस बार कार्तिक मास 21 अक्टूबर से 19 नवंबर तक रहेगा। मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में कुछ नियमों का पालन करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। जानिए कार्तिक मास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

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तुलसी पूजन:
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पूजनीय माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, जिन घरों में प्रतिदिन माता तुलसी की पूजा की जाती है, वहां मां लक्ष्मी का वास हमेशा रहता है। कार्तिक मास में भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सर्वप्रथम तुलसी की पुकार सुनते हैं। शास्त्रों में कार्तिक मास में तुलसी पूजन शुभ बताया गया है।

ब्रह्म मुहूर्त में स्नान:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना अति उत्तम माना जाता है। कहते हैं कि इस महीने किसी पवित्र नदी या घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

दान:
कार्तिक मास में कुछ चीजों के दान को महादान माना जाता है। इस मास में अन्न दान और गौदान का विशेष महत्व होता है। इस महीने गरीब या जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए।

दीपदान:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीपदान करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शरद पूर्णिमा से लेकर कार्तिक मास तक में दीपदान का विधान बताया गया है। मान्यता है कि इस माह में हर दिन किसी पवित्र नदी या घर पर तुलसी में ही दीपदान करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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कार्तिक मास में इन नियमों का करें पालन:

-कहते हैं कि कार्तिक मास के दौरान अगर आप जमीन में सोते हैं तो मन में पवित्र विचार आते हैं। भूमि में सोना कार्तिक मास का तीसरा प्रमुख काम माना गया है।

-कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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