लिट चौक फेस्टिवल के एक सत्र में वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने कहा कि एआई निश्चित रूप से पत्रकारिता के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने बताया कि एआई अभी शुरुआती चरण में है, और इसका वास्तविक प्रभाव समय के साथ ही साफ होगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि लोग हमेशा वास्तविकता को प्राथमिकता देते हैं। उदाहरण के तौर पर, कुछ न्यूज चैनलों ने एआई एंकरों से समाचार पढ़वाए, लेकिन इसका दर्शकों की संख्या पर कोई खास असर नहीं पड़ा। अखिलेश शर्मा ने यह बयान वार्ताकार पत्रकार जितेंद्र व्यास के सवालों का जवाब देते हुए दिया।
एआई का इस्तेमाल पत्रकारिता को सुधारने में, न कि बदलने में
अखिलेश शर्मा ने कहा कि पत्रकारों को एआई का उपयोग अपनी पत्रकारिता को बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए, न कि उसे बदलने के लिए। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि युवा दर्शकों का आकर्षण अब अखबारों और टीवी चैनलों से कम हो गया है। वे अब रील्स और शॉट्स से ही संतुष्ट हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारिता का अपना अहम स्थान है, क्योंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में मीडिया चौथे स्तंभ के रूप में काम करता है। हालांकि, उन्होंने माना कि यह अब कुछ कमजोर हुआ है और इसकी ताकत घट गई है। इसे फिर से मजबूत करना जरूरी है।
पक्षपाती नहीं, निष्पक्ष होना चाहिए पत्रकार
अखिलेश शर्मा ने कहा कि केवल निष्पक्ष पत्रकारिता ही महत्वपूर्ण है। पत्रकार को कभी भी पक्षकार नहीं बनाना चाहिए, बल्कि उसे सच्चाई को उजागर करना चाहिए। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति चिंताजनक है, और मीडिया इस पर ध्यान दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष की भी रिपोर्टिंग की जा रही है।