केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में आयोजित एक चुनावी रैली में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों की सरकार जम्मू-कश्मीर में नहीं रहेगी और यह कि कांग्रेस ने पिछले 70 सालों में कश्मीर के लोगों के अधिकारों का हनन किया है। शाह ने बताया कि धारा 370 हटने के बाद कश्मीर के लोगों को उनके असली अधिकार मिले हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष, जो अनुच्छेद 370 को पुनः लागू करने की बात कर रहा है, वह अब असंभव है।
उन्होंने तिरंगे की महत्ता को बताते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में तिरंगा अब आन, बान और शान के साथ लहराएगा। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा शेख अब्दुल्ला का झंडा वापस लाने की बात पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब केवल तिरंगा ही कश्मीर में लहराएगा। आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं, और पाकिस्तान से बातचीत केवल तभी होगी जब आतंकवाद समाप्त हो जाएगा।
शाह ने यह भी कहा कि 30 वर्षों तक आतंकवाद जम्मू-कश्मीर में व्याप्त रहा, जिसके दौरान कर्फ्यू लागू रहा और हजारों लोग मारे गए। उन्होंने फारूक अब्दुल्ला से सवाल किया कि जब कश्मीर जल रहा था, तब वे कहाँ थे।
आरक्षण के मुद्दे पर शाह ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर आरोप लगाया कि उन्होंने पहाड़ी, गुर्जर, बकरवाल, दलित और ओबीसी समुदायों को आरक्षण का अधिकार नहीं दिया। उन्होंने राहुल गांधी को चेताते हुए कहा कि उनकी सरकार आरक्षण को समाप्त नहीं होने देगी और मोदी सरकार ने पहाड़ी लोगों को आरक्षण देने का फैसला किया है। इस प्रकार, अमित शाह ने अपने भाषण में न केवल विपक्ष पर प्रहार किया, बल्कि मोदी सरकार की नीतियों का भी बचाव किया।