Janmashtami 2023: इस शुभ अवसर पर कान्हा को इन चीजों का लगाएं भोग, 56 भोग से कम नहीं, प्रसन्न हो जाएंगे लड्डू गोपाल

ShivaniLilahare
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Janmashtami 2023: भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार हैं। कृष्ण को कई सारे नाम लोगों ने बड़े प्रेम से रखा है कोई उन्हें नंदलाल तो कोई लड्डू गोपाल बुलाते थे और भी कई से माखनचोर को पुकारते थे। इस बार जन्माष्टमी दो दिन 6 और 7 सितंबर को मनाई जाने वाली हैं। रात 12 बजे कन्हैया का जन्मोत्सव होगा और दिनभर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस विशेष दिन पर घरों में खास तौर से साज-सज्जा की जाती है और कृष्ण के पालने को सजाया जाता है, जिसमें कान्हा को बिठाकर झूला झुलाया जाता हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है कि अगर श्री कृष्ण को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाया जाता है, तो उनकी कृपा दृष्टि हम पर हमेशा बनी रहती हैं। आप सभी लोग जानते हैं कि कन्हैया को माखन कितना पसंद है, लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसी चीज हैं, जो उन्हें भोग के तौर पर अर्पित कर सकते हैं। इस दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह 6 सितंबर को 03:37 मिनट से प्रारंभ होकर अगले दिन 4:14 मिनट तक रहने वाला हैं। चलिए हम आपको बताते है कि किस चीज का भोग आप लगा सकते हैं।

माखन

धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक कहा जाता है कि बचपन में भगवान श्री कृष्णा मटकियों में रखा हुआ माखन चुराया करके खाते थे। इसी वजह से नाम माखनचोर भी है। जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए उन्हें माखन का भोग जरूर लगाएं।

खीर

बताया जाता है कि श्री कृष्ण को अपनी मां यशोदा के हाथ की खीर बहुत पसंद थी। अगर आप श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो जन्माष्टमी के दिन उन्हें चावल से बनाई गई खीर का जरूर भोग लगाएं।

मिश्री

कान्हा को जब भी माखन का भोग लगाया जाता है उसके साथ मिश्री जरूर अर्पित की जाती हैं। माखन के साथ खाई गई मिश्री उसके स्वाद को बढ़ा देती हैं। जब भी आप माखन का भोग लगाएं उसके साथ मिश्री रखना कभी ना भूलें।

पंजीरी

जन्माष्टमी पर पंजीरी का प्रसाद विशेष तौर पर बनाया जाता हैं। रात में जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म होता है तब उन्हें सबसे पहले पंजीरी ही अर्पित की जाती है। यह धनिया से बनी हुई होती है, जिसमें मिठास के लिए शक्कर का इस्तेमाल किया जाता है।

तिल

जन्माष्टमी पर जब आप कृष्ण जी की पूजा करेंगे तो उस समय कन्हैया को काले तिल से बने मिष्ठान भोग लगा सकते हैं। ऐसा कहां जाता है कि मिष्ठानो में डला काला तिल उन्हें बहुत प्रिय था।