जबलपुर में बनेगा ‘ब्लैक फंगस’ का इंजेक्शन

Share on:

जबलपुर में बनेगा ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए इंजेक्शन

राज्य शासन ने निजी कंपनी को दिया एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन बनाने का लायसेंस

भोपाल : जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित औद्योगिक क्षेत्र उमरिया-डुंगरिया में राज्य शासन से अनुदान सहायता प्राप्त निजी क्षेत्र की रेवा क्योर लाइफ साइंसेस कंपनी को राज्य शासन ने ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए जीवन रक्षक इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी के निर्माण एवं उत्पादन हेतु लायसेंस प्रदान किया है। मध्यप्रदेश के फूड एवं ड्रग कंट्रोलर ने कंपनी को यह लायसेंस 31 मई 2021 को जारी किया है, जो 22 दिसंबर 2021 तक के लिए वैध है।

रेवा क्योर लाइफ साइंस कंपनी के प्रबंधक रोहित सिंह ने बताया कि फिलहाल कंपनी के पदाधिकारी इंजेक्शन निर्माण के लिए जरूरी और आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति के लिए मुंबई और गुजरात की कंपनियों के संपर्क में है। सब कुछ ठीक रहा तो कंपनी ने महीने के अंत तक 20 से 30 हजार एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। कंपनी वर्तमान में कैंसर मरीजों के लिए जरूरी करीब 15 प्रकार के इंजेक्शनों का निर्माण कर रही है। जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस के मापदंडों के अनुरूप प्रमाणित है।

राज्य शासन द्वारा ब्लैक फंगस म्यूकॉर मायकोसिस पोस्ट कोविड बीमारी का इंजेक्शन बनाने की अनुमति पाने वाली रेवा क्योर लाइफ साइंसेस कंपनी प्रदेश की दूसरी कंपनी है, जिसे एम्फोटेरिसिन-बी के निर्माण की मंजूरी मिली है। प्रदेश में इसके पहले केवल इंदौर की मार्डन लेबोरेटरी को ही यह इंजेक्शन बनाने का लायसेंस हासिल था।

जबलपुर में एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन बनने से सिर्फ जबलपुर ही नहीं, बल्कि समूचे महाकोशल, विंध्य और बुंदेलखंड में ब्लैक फंगस बीमारी से पीडि़त मरीजों के लिए यह दवा आसानी से और अपेक्षाकृत कम कीमत में उपलब्ध हो सकेगी।

अभी बाजार में इस इंजेक्शन की कीमत करीब 3 हजार से 4 हजार रुपये तक है। जबलपुर में इस इंजेक्शन के बनने से इसकी कीमत तकरीबन आधी हो जायेगी, और यह आसानी से उपलब्ध भी हो जायेगा।

जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र जबलपुर के महाप्रबंधक देवव्रत मिश्रा ने बताया कि उमरिया-डुंगरिया में स्थापित रेवा क्योर लाइफ साइंसेस कंपनी को मध्य प्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना-2014 के तहत अब तक 50 लाख रुपये की अनुदान सहायता मुहैया कराई जा चुकी है। जिसमें प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली का संयंत्र लगाने के लिए 25 लाख रुपये का अनुदान और 25 लाख का ब्याज अनुदान शामिल है। राज्य शासन द्वारा कंपनी को एक मार्च 2017 से हर वर्ष 5 प्रतिशत की दर से 5 लाख रुपये वार्षिक ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। जिला व्यापार एवं उद्योग विभाग द्वारा अब तक 5 वर्षों का ब्याज अनुदान 25 लाख रुपये प्रदान किया जा चुका है। यह अनुदान अभी अलगे दो वर्षों तक कंपनी को और दिया जायेगा।