इंदौर के व्यापारीयों ने UPI पेमेंट से किया इंकार, दुकानों के बाहर लगाए पोस्टर, जानें क्या है वजह

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By Srashti BisenPublished On: December 28, 2024

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में व्यापारियों ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाते हुए ग्राहकों से यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिए पेमेंट लेने से इंकार कर दिया है। इन व्यापारियों का कहना है कि साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं ने उनके लिए यूपीआई पेमेंट को जोखिमपूर्ण बना दिया है। व्यापारियों द्वारा इस संबंध में अपने प्रतिष्ठानों पर पोस्टर भी लगाए गए हैं, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि वे अब यूपीआई पेमेंट स्वीकार नहीं करेंगे।

साइबर फ्रॉड का बढ़ता खतरा

इंदौर के व्यापारी बताते हैं कि साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या के कारण वे यूपीआई पेमेंट से बचना चाहते हैं। उनका कहना है कि जब एक अपराधी किसी धोखाधड़ी के तहत किसी खाते से पैसे ट्रांसफर करता है और फिर उस खाते से व्यापारी के पास सामान खरीदने आता है, तो जांच के दौरान व्यापारी का खाता भी सील कर लिया जाता है। इस स्थिति में, व्यापारी का पैसा अकाउंट में फंस जाता है और वह उसे न तो निकाल सकता है और न ही उसका उपयोग कर सकता है। इस तरह के मुद्दों से परेशान होकर व्यापारी अब कैश और क्रेडिट कार्ड द्वारा ही पेमेंट लेने का विकल्प चुन रहे हैं।

व्यापारी संगठनों की नाराजगी और उनका विरोध

राजवाड़ा क्षेत्र के व्यापारियों की एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है कि वे यूपीआई पेमेंट से दूर रहेंगे। एसोसिएशन के अनुसार, जब कभी कोई ग्राहक यूपीआई के माध्यम से भुगतान करता है, और बाद में वह गुनाहगार साबित होता है, तो पुलिस व्यापारी के खाते को सील कर देती है। इस प्रक्रिया में कई महीने लग जाते हैं, जिससे व्यापारी को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता है। इस पूरी स्थिति से व्यापारी बेहद परेशान हैं और उन्होंने इसका समाधान न निकलने तक यूपीआई पेमेंट का विरोध करने का फैसला किया है।

इंदौर के कलेक्टर, आशीष सिंह ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब भी साइबर फ्रॉड की कोई शिकायत आती है, तो पुलिस प्रशासन तुरंत कार्रवाई करता है। उन्होंने व्यापारियों के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अगर एक-दो ट्रांजेक्शन के कारण कोई दिक्कत आ रही है, तो इसका मतलब यह नहीं कि यूपीआई पेमेंट को गलत ठहराया जाए। कलेक्टर ने आगे बताया कि वे व्यापारियों से मिलने के लिए एक टीम भेजेंगे ताकि इस मुद्दे पर बातचीत की जा सके। उनका मानना है कि डिजिटल इकोनॉमी का विकास अत्यंत आवश्यक है, और यदि इसमें कोई कमी है, तो उसे दूर किया जाना चाहिए।