Indore News : इंदौर सांसद शंकर लालवानी की संस्था लोक संस्कृति मंच द्वारा आयोजित मालवा उत्सव में स्वच्छता नियमों के उल्लंघन होने पर इंदौर नगर निगम ने संस्था पर 21,000 /-का अर्थ दंड लगाया। बता दे कि इंदौर की शान माना जाने वाला मालवा उत्सव हर वर्ष आयोजित किया जाता है, जिसमे लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
गौरतलब है कि लोक कला और संस्कृति के व्यापक प्रसार में मालवा उत्सव का विशेष महत्व है। मालवा उत्सव को और विस्तार दिया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने आज इंदौर में आयोजित मालवा उत्सव में कही। CM यादव ने कहा- मालवा की कला और संस्कृति का दुनियाभर में व्यापक प्रसार हो इसके लिए भी विशेष प्रयास किए जाएंगे। कला और संस्कृति से एक से दूसरे देश को तथा मानव सभ्यता को जोड़ने में विशेष महत्व रहता है।
उन्होंने कहा माँ अहिल्या द्वारा स्थापित संस्कृति की ध्वज पताका आज भी फहरा रही है।
उन्होंने कहा उज्जैन महालोक में ठोस पत्थर की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही है।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, मालिनी गौड़ उषा ठाकुर, सावन सोनकर, सांसद शंकर ललवानी, महापौर पुष्प मित्र भार्गव, गौरव रणदीवे, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा, पुलिस कमीशनर राजेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह सहित गणमान्यजन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश, गुजरात महाराष्ट्र के लोक संस्कृति दलों द्वारा नृत्य की प्रस्तुति दी गई। दलों में इंदौर से श्रुति शर्मा, अभ्यास कला केंद्र के कलाकारों ने मेघा शर्मा के मार्गदर्शन में कला प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में नव्या चौरसिया ने कत्थक नृत्य, डालिया दस्ता नृत्य, राठवा नृत्य गुजरात, वासावा होली नृत्य गुजरात, बधाई नौरता नृत्य सागर, थात्या नृत्य बैतुल, राम ढोल नृत्य छिंडवाडा, लावणी नृत्य मुंबई, डा गीता शर्मा इंदौर के दल द्वारा शिव तांडव नृत्य, सृजन नारी समूह इंदौर, गमित नृत्य गुजरात के दल ने प्रस्तुति दी। मनमोहक लोक संस्कृति को दर्शाती प्रस्तुतियों को अतिथि गण दर्शकों ने उन्मुक्त कंठ से सराहना की।
मंच को काशी विश्व नाथ मंदिर की प्रतिकृति के रूप में दर्शाया गया, मंच पर भगवान काशी विश्व नाथ मंदिर, भगवान भोले नाथ का शिव लिंग, भगवान नंदी की प्रतिकृति तैयार की गई जो भव्य मंच को आकर्षक और मनमोहक दर्शा रही थी। भव्य मंच पर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों को पारम्परिक वेशभूषा, सुमधुर वाद्य यन्त्रों और संगीत पर प्रस्तुत कीदेश के विभिन्न भागों, लोक संस्कृति के दर्शन मालवा उत्सव के माध्यम से नजर आए।
मालवा उत्सव में बड़ी संख्या में आमजन, कलाप्रेमी उपस्थित हुए।