बबीता चौबे शक्ति –
हां मैं परिचारिका (नर्स) हूं ।।
हर सकती हूँ कष्ट ,दर्द,पीड़ा को
हां मैं गंगा हूं …जो तार सकती हूं अस्वस्थता से जन जीवन को
हां मैं परिचारिका हूं….
मैं ही प्रसव पीड़ा से मुक्ति दिलाकर आँचल को महकाती हूं।
मैं ही किलकारियां गुँजाती हूं।
हां मैं ही तीर्थ बना देती हूँ अस्पताल को …जँहा से आँसूओ को विदा कर मुस्कान सजा देती हूं होठो पर।
हाँ मैं नर्स हूँ।
अवसाद ,पीड़ा,मानसिक उद्देग से स्वयं ग्रसित रहती हूं
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किंतु समाज के हर वर्ग के साथ निश्छलता से सदैव खड़ी रहती हूं
मैने स्वेत वस्त्र धारण किये है जो पवित्रता के प्रतीक है ।मेरे हाथों से न जाने कितने मानव जन्म हुए है और होंगे।
हां मैं ममतामयी हूँ।
हां मैं नर्स हूं।।
मेरे सम्मान पर चोट होती रहती है…
सब सहती हूँ …सब सुनती हूं …
मगर मेरा धर्म है ।खुशियों को बांटना और रुग्णता से समाज को मुक्त कराना।
मैं अपना धर्म ईमानदारी से निभाती हूं …
अपने परिवार अपने बच्चों को अनदेखा करके ….
इसी आस में की कल को आप भी अपना धर्म निभाएंगे।
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बबीता चौबे शक्ति