नेशनल कैडेट कोर (NCC) देशभर में एकता, अनुशासन और साहस की भावना को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है। स्कूल और कॉलेज के छात्र NCC से जुड़कर न केवल अपनी शारीरिक फिटनेस को सुधारते हैं, बल्कि अपने व्यक्तित्व का भी बेहतर विकास करते हैं। ड्रिल्स और विभिन्न एक्स्ट्रा एक्टिविटीज के माध्यम से वे नेतृत्व, टीमवर्क और आत्मविश्वास जैसी महत्वपूर्ण गुणों को विकसित करते हैं।
NCC का मुख्य उद्देश्य
NCC का उद्देश्य है युवाओं को सशस्त्र बलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना और एक सकारात्मक वातावरण प्रदान करना। इसके साथ ही, यह कैडेट्स को विभिन्न सर्टिफिकेट प्रदान करता है, जो उनके भविष्य के करियर को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
NCC की स्थापना और सर्टिफिकेट प्रणाली
नेशनल कैडेट कोर की स्थापना 6 अप्रैल 1948 में हुई थी, और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। NCC में दो प्रमुख डिवीजन होते हैं: जूनियर डिवीजन (JD) और सीनियर डिवीजन (SD)। जूनियर डिवीजन में स्कूल के छात्र होते हैं, जबकि सीनियर डिवीजन में कॉलेज के छात्र शामिल होते हैं। इन दोनों डिवीजन में ट्रेनिंग के बाद कैडेट्स को ए, बी और सी ग्रेड सर्टिफिकेट्स मिलते हैं, जो उनके कौशल और प्रशिक्षण स्तर को दर्शाते हैं।
NCC सर्टिफिकेट : सरकारी नौकरी और कॉलेज में लाभ
NCC सर्टिफिकेट रखने वाले उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों में विशेष छूट मिलती है। सेना, पुलिस और अन्य सरकारी विभागों में NCC सर्टिफिकेट के माध्यम से उन्हें नौकरी के चयन में अतिरिक्त अंक मिल सकते हैं। इसके अलावा, कई कॉलेजों में एडमिशन के लिए NCC सर्टिफिकेट को प्राथमिकता दी जाती है।
देशभर में लाखों की संख्या में NCC कैडेट्स हैं, और 1948 में इसकी शुरुआत सिर्फ 20,000 कैडेट्स के साथ हुई थी। इस प्रशिक्षण के माध्यम से युवा अपने राष्ट्रप्रेम, अनुशासन और साहस को बढ़ाते हुए एक बेहतर नागरिक और सशस्त्र बलों के योग्य सदस्य बनते हैं। NCC न केवल एक कैरियर विकल्प प्रदान करता है, बल्कि यह देश के प्रति एक गहरी निष्ठा और सेवा की भावना भी पैदा करता है।