उत्तराखण्डः एसटीएफ ने महाराष्ट्र से साइबर ठग को किया गिरफ्तार

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपी ने साइबर अपराध के लिए जिस बैंक खातों का प्रयोग किया गया है उसमें मात्र 4-5 महीने में ही करोड़ों रुपयों का लेन-देन होना पाया गया है।

Kalash Tiwary
Kalash Tiwary
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Uttarakhand STF : उत्तराखंड एसटीएफ ने साइबर ठग को नागपुर महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर लोगों को ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश का लालच देता है, जो लोग इस गिरोह के झांसे में आ जाते थे, उनसे ये गिरोह ऑनलाइन ठगी किया करता है। इसी तरह इस गिरोह ने करीब 81.45 लाख रुपए की ठगी की है। पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी का नाम वैभव मनोज गाडगे है।

पुलिस ने बताया कि आरोपी ने उधम सिंह नगर जिले के एक व्यक्ति को अपने जाल में फंसाया था। आरोपी व्हाट्सएप के माध्यम से पीड़ितों को ट्रेडिंग सम्बन्धी मैसेज भेजा जाता था, जिसमें खुद को प्रतिष्ठित ट्रेडिंग कम्पनी का प्रतिनिधि बताकर ऑनलाइन ट्रेंडिंग में निवेश कर लाभ दिलाये जाने का भरोसा दिलाया जाता था।

उसके बाद अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुपों में जोडा जाता था, जिनमें पहले से जुडे हुए लोगों द्वारा खुद के द्वारा निवेशित धनराशि पर प्राप्त लाभ सम्बन्धी स्क्रीनशॉट शेयर किये जाते थे, जिससे ग्रुप में जुड़े अन्य पीड़ित इनके झांसे में आकर ऑनलाइन ट्रेडिंग में कम समय में कम समय में अधिक मुनाफा कमाने के लालच में अपनी धनराशि निवेश कर देते थे।

पीडितों द्वारा निवेश की गयी धनराशि में मुनाफा दिखाने के लिए यह एक फर्जी एप का प्रयोग करते थे और उसके डैशबोर्ड पर पीडितों द्वारा इन्वेस्ट की गयी धनराशि को भारी लाभ के साथ दिखाया जाता था, जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता था, लेकिन पीड़ित को खुद के साथ हो रही साइबर धोखाधड़ी का अंदेशा नहीं हो पाता था। आरोपी ने धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अलग-अलग बैक खातों में प्राप्त कर धनराशि को अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था।

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपी ने साइबर अपराध के लिए जिस बैंक खातों का प्रयोग किया गया है उसमें मात्र 4-5 महीने में ही करोड़ों रुपयों का लेन-देन होना पाया गया है। जांच में यह भी जानकारी मिली है कि आरोपी के बैंक खाते के खिलाफ देश के कई राज्यों में कुल 8 साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं, जिसके सम्बन्ध में जानकारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है।