प्रदेश में दवाओं की जांच प्रक्रिया को तेज करने के साथ ही नकली और घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं की बिक्री पर कड़ा नियंत्रण किया जाएगा। इसके लिए जांच व्यवस्था का दायरा और व्यापक किया जाएगा। अब राज्य के प्रत्येक जिले में जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी का नया पद स्थापित किया जाएगा। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को मंजूरी प्रदान की है।
सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश
प्रदेश में नकली और निम्न गुणवत्ता वाली दवाओं की बरामदगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इनकी जांच का दायित्व औषधि निरीक्षकों पर है, लेकिन फिलहाल 13 जिलों में निरीक्षक पद ही रिक्त हैं। कई निरीक्षक दो-दो जिलों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जिससे निगरानी प्रभावित हो रही है। इस स्थिति को सुधारने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के औषधि नियंत्रण संवर्ग का पुनर्गठन किया जाएगा।
विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी का नया पद सृजित किया जाए।
औषधि निरीक्षकों पर रखी जाएगी सख्त निगरानी
यह पद औषधि निरीक्षकों के कार्यों की निगरानी करेगा। वर्तमान में औषधि निरीक्षक जिलाधिकारी के अधीन कार्य करते हैं। इसी क्रम में उपायुक्त (औषधि) के पदों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, जो फिलहाल केवल एक है। विभाग में इस समय औषधि निरीक्षकों के कुल 109 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 32 रिक्त हैं। अब इन पदों की संख्या दोगुनी की जाएगी। वहीं, उप आयुक्त पद से पदोन्नति प्राप्त अधिकारियों को संयुक्त आयुक्त (औषधि) के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए अर्हकारी सेवा नियमों में संशोधन किया जाएगा।









