तीन साल तक स्थायी होगी आउटसोर्स भर्ती, पीएफ से सैलरी तक इन चीजों में भी हुए बदलाव

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By Abhishek SinghPublished On: September 3, 2025

उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों में अब आउटसोर्स कर्मचारी तीन साल की अवधि तक कार्यरत रह सकेंगे, जिसके बाद उनके अनुबंध का नवीनीकरण किया जा सकेगा। पहले यह अनुबंध केवल एक वर्ष का होता था। नए नियमों के तहत कर्मचारियों को न्यूनतम 20 हजार रुपये मासिक मानदेय प्राप्त होगा।


पहले आउटसोर्स कर्मचारियों को लगभग 10 हजार रुपये न्यूनतम मानदेय मिलता था। अब इसमें बढ़ोतरी के साथ विभाग सीधे आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन नहीं करेंगे। एजेंसियों का चयन उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम द्वारा जेम पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।

आउटसोर्स सेवा निगम गठन को मंजूरी

मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी दी गई। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने जानकारी दी कि अब आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन के साथ-साथ पीएफ और कर्मचारी राज्य बीमा निगम की सुविधाएँ भी प्राप्त होंगी।

नई व्यवस्था के तहत एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांगजन, पूर्व सैनिक और महिलाओं को नियमों के अनुसार आरक्षण का लाभ प्रदान किया जाएगा। साथ ही महिलाओं को मातृत्व अवकाश की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

नई व्यवस्था की विशेषताएँ

  • वेतन हर माह 1 से 5 तारीख के बीच सीधे कर्मचारियों के खातों में जमा किया जाएगा।
  • किसी भी अनियमितता की स्थिति में सेवा तत्काल समाप्त की जा सकेगी।
  • आउटसोर्स कर्मचारियों से प्रति माह अधिकतम 26 दिन कार्य कराया जा सकेगा।
  • ईपीएफ और ईएसआई का योगदान सीधे कर्मचारियों के खातों में जमा किया जाएगा।

परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर नियुक्ति

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के जरिए किया जाएगा। उनकी कार्यक्षमता और कौशल बढ़ाने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। सेवा के दौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार सहायता के रूप में 15 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। निगम के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक कर्मचारी को उसका पूरा अधिकार मिले और उसका भविष्य सुरक्षित रहे।

आउटसोर्स कर्मचारियों का वर्गीकरण और न्यूनतम वेतन

  • श्रेणी-1 में चिकित्सीय, अभियंत्रण स्तर-1, व्याख्यान, परियोजना प्रबंधन, लेखा स्तर-1 तथा वरिष्ठ अनुसंधान सेवाएँ शामिल होंगी। इन पदों के लिए न्यूनतम पारिश्रमिक 40 हजार रुपये तय किया गया है।
  • श्रेणी-2 में कार्यालय स्तर-2, आशुलिपिक स्तर-2, लेखा स्तर-2, डेटा प्रोसेसिंग स्तर-2, कला शिक्षण, शारीरिक प्रशिक्षण, शिक्षण सेवाएँ स्तर-2, एक्स-रे, नर्सिंग, फार्मेसी, परामर्शदाता और सांख्यिकी सेवाओं के पद शामिल होंगे। इन सभी का न्यूनतम पारिश्रमिक 25 हजार रुपये निर्धारित किया गया है।
  • श्रेणी-3 में कार्यालय स्तर-3, आशुलिपिक स्तर-3, टंकण, दूरसंचार, भंडार, फोटोग्राफी, डेटा प्रोसेसिंग स्तर-3, पुस्तकालय, इलेक्ट्रिशियन, मैकेनिकल, फिटर, प्रयोगशाला संचालन, पैरामेडिकल और वाहन संचालन सेवाएँ शामिल होंगी। इन पदों के लिए न्यूनतम पारिश्रमिक 22 हजार रुपये निर्धारित किया गया है।
  • श्रेणी-4 में कार्यालय स्तर-4, लिफ्ट ऑपरेटर, प्रयोगशाला स्तर-4, अभिलेख स्तर-4, कार्यालय सहायक स्तर-4, भंडारण स्तर-4, डाक, रंग-रोगन, खान-पान, बागवानी और श्रम जैसी 43 विशिष्ट सेवाएँ शामिल होंगी। इसके अतिरिक्त, यांत्रिक, विद्युत, स्वच्छता, पंपिंग, अग्निशमन और सुरक्षा से जुड़ी 47 अतिविशिष्ट सेवाएँ भी इसमें आएंगी। इन सभी के लिए न्यूनतम वेतन 20 हजार रुपये तय किया गया है।