धर्मांतरण मामले में मुस्लिम समाज की सख्त प्रतिक्रिया, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का छांगुर बाबा के खिलाफ फतवा

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By Dileep MishraPublished On: July 19, 2025
छांगुर बाबा पर उसका साम्राज्य

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण के बड़े मामले में घिरे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर अब मुस्लिम समाज में भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इस पर कड़ा फतवा जारी करते हुए साफ कहा कि छांगुर बाबा इस्लाम की नजर में मुजरिम और गुनहगार है। उन्होंने मुस्लिम समाज से उसका बहिष्कार करने और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

जबरन धर्मांतरण और अंधविश्वास के आरोप

मौलाना रजवी ने छांगुर बाबा की गतिविधियों को इस्लाम की बुनियादी शिक्षाओं के खिलाफ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि वह लोगों को लालच, दबाव और झूठे चमत्कारों के जरिए धर्म परिवर्तन के लिए उकसाता था। इस्लाम में धर्म का प्रचार करने की इजाजत है, लेकिन जबरदस्ती, लालच या धोखे से किसी को मुसलमान बनाना इस्लाम की तालीम के खिलाफ है। मौलाना ने यह भी कहा कि छांगुर बाबा अपने घर में कब्र बनवाकर और उसे धार्मिक स्थल की तरह प्रस्तुत कर अंधश्रद्धा फैलाता था, जो इस्लाम में पूरी तरह वर्जित है। साथ ही आरोप है कि वह दूसरे मजहब की लड़कियों की शादी मुस्लिम लड़कों से कराने के लिए भी योजनाबद्ध ढंग से दबाव डालता था।

इस्लाम का नाम खराब करने वालों से दूरी बनाएं

फतवा जारी करते हुए मौलाना शहाबुद्दीन ने मुस्लिम समाज को चेतावनी दी कि ऐसे लोगों से जुड़ना इस्लाम की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने अपील की। छांगुर बाबा जैसे लोग इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं। इनका कोई धार्मिक आधार नहीं है। मुसलमानों को चाहिए कि वे ऐसे गुमराह करने वालों का बहिष्कार करें और समाज में इस्लाम की असली तालीम फैलाएं। मौलाना ने कहा कि ऐसे लोग केवल समाज में नफरत और भ्रम फैलाते हैं, जिससे केवल इस्लाम नहीं बल्कि पूरे भारतीय मुस्लिम समुदाय की छवि को नुकसान होता है। उन्होंने मदरसों, उलेमाओं और मुस्लिम संस्थानों से भी अपील की कि वे ऐसे फर्जी बाबाओं के खिलाफ समाज को जागरूक करें।

प्रशासन से कार्रवाई की मांग

मौलाना रजवी ने प्रशासन से छांगुर बाबा के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण जैसे गंभीर मामलों में त्वरित और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें। एक वीडियो बयान में मौलाना ने कहा- इस्लाम मोहब्बत, इंसाफ और इंसानियत का मजहब है। इस्लाम किसी को मजबूर नहीं करता। छांगुर बाबा ने जो किया, वह शरीअत की खुल्लम-खुल्ला खिलाफत है और वह इस्लाम की नजर में गुनहगार है।

ईडी और अन्य जांच एजेंसियों के अनुसार, छांगुर बाबा का नेटवर्क केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है। उसके यूएई, कतर और मलेशिया जैसे देशों में बैंक अकाउंट्स की जानकारी भी सामने आ चुकी है। आरोप है कि वह विदेशी फंडिंग के जरिए भारत में धर्मांतरण का नेटवर्क चला रहा था। बरेली से लेकर बलरामपुर तक की जांचों में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। छांगुर बाबा की टीम युवाओं को धार्मिक कार्यक्रमों में बुलाकर ब्रेनवॉश करती थी। इसके बाद या तो उन्हें इस्लाम कबूलने पर मजबूर किया जाता था या उन्हें आर्थिक प्रलोभन दिए जाते थे।

अब समाज भी ले रहा है मोर्चा

छांगुर बाबा जैसे धर्मांतरण के कथित मास्टरमाइंड के खिलाफ केवल प्रशासन ही नहीं, अब समाज के अंदर से भी सशक्त आवाजें उठने लगी हैं। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का यह फतवा यह दर्शाता है कि इस्लामी समाज भी अब अपनी छवि को लेकर सजग है और उन तत्वों से दूरी बनाने को तैयार है, जो इस्लाम के नाम पर गैर-इस्लामी गतिविधियां कर रहे हैं। यह घटनाक्रम देश में धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक जिम्मेदारी की नई दिशा का संकेत भी दे रहा है, कि धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के साथ धार्मिक मर्यादा और विधिसम्मत आचरण भी उतना ही जरूरी है।