हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष, 50 से कम बच्चों वाले स्कूलों का नहीं होगा विलय, 1 किमी दायरे में रहेंगे प्राथमिक स्कूल

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By Abhishek SinghPublished On: August 21, 2025

उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के विलय से जुड़ा मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में विचाराधीन है, जिसकी अगली सुनवाई 1 सितंबर को तय की गई है। गुरुवार को मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने विशेष अपीलों पर सुनवाई की। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से दाखिल जवाब में स्पष्ट किया गया कि 50 से कम विद्यार्थियों वाले विद्यालयों का न तो विलय किया जाएगा और न ही पेयरिंग की जाएगी। साथ ही प्राथमिक विद्यालयों को विद्यार्थियों से 1 किलोमीटर से अधिक दूर स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अनुज कुदेसिया ने अदालत को बताया कि इस निर्णय की सूचना प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों तक भेज दी गई है और उसके अनुसार कार्रवाई की जा रही है।


दरअसल, 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने सीतापुर जिले के स्कूलों के विलय से जुड़ी प्रक्रिया में सामने आई गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि यह अंतरिम आदेश केवल मौजूदा हालात को बनाए रखने के लिए है और इसमें न तो सरकार की स्कूल विलय नीति पर टिप्पणी की गई है और न ही उसके क्रियान्वयन की वैधता पर कोई राय दी गई है।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए विलय संबंधी कुछ दस्तावेजों में स्पष्ट अनियमितताएँ पाई गईं। इस पर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण देने के लिए अतिरिक्त समय माँगा गया। इसी आधार पर अदालत ने आदेश दिया कि सीतापुर जिले में स्कूलों के विलय/पेयरिंग की प्रक्रिया पर 21 अगस्त तक यथास्थिति बरकरार रखी जाए।