राजधानी लखनऊ में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। इस दौरान कुल 16 प्रस्ताव पेश किए गए, जिनमें से 15 को मंजूरी दे दी गई, जबकि कृषि से जुड़े एक प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया।
कानपुर और लखनऊ में 10 रूटों पर चलेंगी ई-बसें
मंत्री एके शर्मा द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के तहत नगरीय परिवहन सुविधा के लिए प्राइवेट ऑपरेटर को ई-चार्जिंग सहित नेट कॉस्ट बेसिक कॉन्ट्रैक्ट की मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत कानपुर और लखनऊ में 10 रूटों पर ई-बसें संचालित की जाएंगी, जिनमें प्रत्येक बस की कीमत 10 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
ये ई-बसें 12 साल के कॉन्ट्रैक्ट के तहत संचालित होंगी, जबकि किराया तय करने का अधिकार सरकार के पास रहेगा। लखनऊ और कानपुर के सभी रूट निर्धारित कर दिए गए हैं, और प्रत्येक रूट पर फिलहाल एक बस चलायी जाएगी। ऑपरेटर का चयन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा, जिसके बाद सरकार उसे लाइसेंस प्रदान करेगी और चार्जिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेगी।
आउटसोर्सिंग के जरिए तीन साल की भर्ती प्रक्रिया तय
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें तय किया गया कि ये भर्तियाँ तीन वर्षों के लिए होंगी और इसके बाद नौकरियों का नवीनीकरण भी किया जाएगा। इस कैबिनेट बैठक में कुल 16 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त कर्मचारियों को मासिक वेतन की भुगतान प्रक्रिया आसान बनाई जाएगी, जो प्रत्येक माह की 1 से 5 तारीख के बीच सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जाएगा।
आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन अब सीधे उनके बैंक खातों में जमा होगा और उन्हें पीएफ तथा ईएसआई जैसी सुविधाएँ भी मिलेंगी। महिला कर्मचारियों को मॉनिटरिंग लीव की सुविधा प्रदान की जाएगी। सरकार स्थायी पदों पर आउटसोर्स भर्ती नहीं करेगी। ये नियुक्तियाँ पारदर्शी परीक्षा और इंटरव्यू के माध्यम से की जाएंगी। इसके लिए सरकारी विभागों को आउटसोर्स कर्मचारियों की मांग जेम गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GEM) पोर्टल पर टेंडर के जरिए भेजनी होगी। जिस आउटसोर्स कंपनी को ठेका मिलता है, वह सेवायोजन विभाग को वैकेंसी लेटर भेजती है। इस पोर्टल पर बेरोजगारों का एनरोलमेंट होता है और वे नौकरी के लिए सीधे आवेदन कर सकते हैं।
इन पदों पर शुरू होगी अधिक भर्तियाँ
इस भर्ती प्रक्रिया के तहत सबसे अधिक पद नर्स, इलेक्ट्रिशियन, फार्मासिस्ट, कारपेंटर, पैरामेडिकल स्टाफ, लिफ्ट मैन, कंप्यूटर ऑपरेटर, प्लंबर, ड्राइवर, लिपिक, तकनीकी सहायक, सफाई कर्मचारी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए भरे जाएंगे। इसके अलावा पशु चिकित्सक, डॉक्टर, इंजीनियर और अन्य कई पदों पर भी भर्ती की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों का बजट पिछले छह वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़ गया है। वर्ष 2019-20 में आउटसोर्स कर्मचारियों पर 684.19 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे, जबकि 2025-26 के लिए इस पर 1796.93 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के गठन के बाद वर्तमान में आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरियां सुरक्षित रहेंगी। संबंधित एजेंसी का टेंडर समाप्त होने तक वे अपनी वर्तमान सेवाओं में कार्यरत रहेंगे। इसके बाद, एजेंसी के कर्मचारी कंपनी के माध्यम से संबंधित विभाग में कार्यरत होंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं में संविदा के तहत प्रमोशन का प्रावधान नहीं रहेगा। सरकार समय-समय पर उनके मानदेय और भत्तों में वृद्धि पर विचार करेगी। इनके वेतन से पीएफ कटौती की जाएगी, साथ ही उन्हें पीएफ के साथ स्वास्थ्य और जीवन बीमा की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।