समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को मंगलवार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। डूंगरपुर कांड में हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। इस मामले में आजम खान को दस साल की सजा मिली थी। यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने रामपुर के विशेष न्यायालय एमपी/एमएलए से मिली सजा के खिलाफ दायर अपील और जमानत अर्जी पर दिया।
कोर्ट ने आजम खान के साथ ठेकेदार बरकत अली की जमानत अर्जी पर भी सुनवाई की और पिछले महीने 9 अगस्त को आदेश सुरक्षित कर लिया था। हालांकि, जमानत के बाद भी आजम खान के जेल से बाहर आने को लेकर संशय बना हुआ है क्योंकि उन्हें कई अन्य मामलों में भी सजा सुनाई गई है।
डूंगरपुर मामले में अगस्त 2019 में रामपुर के गंज थाने में अबरार ने आजम खान, रिटायर सीओ आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायत के अनुसार दिसंबर 2016 में आजम खान और अन्य ने अबरार को पीटा था, उसके घर को तोड़ा था और जान से मारने की धमकी दी थी।
30 मई 2024 को विशेष अदालत एमपी/एमएलए ने आजम खान को 10 साल और ठेकेदार बरकत अली को 7 साल कैद की सजा सुनाई थी। आजम खान ने सजा के फैसले को आपराधिक अपील के माध्यम से चुनौती दी है। डूंगरपुर बस्ती के लोगों ने कॉलोनी खाली कराने के नाम पर 12 मामले दर्ज किए थे, जिनमें लूट, चोरी, हमला सहित विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे शामिल हैं।