फिर किसानों के समर्थन में उतरे अन्ना हजारे, सरकार को पत्र लिखकर दी अनशन पर बैठने की चेतावनी

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By Akanksha JainPublished On: December 14, 2020

नई दिल्ली : देश के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने एक बार फिर केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन दिया है. समर्थन के साथ ही अन्ना हजारे ने सरकार को अनशन पर बैठने की चेतावनी भी दी है. सोमवार को अन्ना हजारे ने इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में हजारे ने लिखा है कि जल्द ही अगर किसानों की समस्याएं हल नहीं हुई तो वे अनशन शुरू करेंगे.

किसान आंदोलन के साथ ही अन्ना हजारे ने एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने सहित विभिन्न मांगों को पूरा न कर पाने की बायतों को भी शामिल किया है. उन्होंने इन सभी के ख़िलाफ़ सरकार को चेताते हुए जल्द ही अनशन शुरू करने के लिए कहा है. बता दें कि इससे पहले जब किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया था, उस समय भी अन्ना हजारे ने किसानों को अपना समर्थन दिया था. भारत बंद के दिन अन्ना एक दिन के अनशन पर बैठे थे.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लिखे पत्र में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि, ‘केन्द्र ने आश्वासन दिया था कि मांगों को लेकर समिति की रिपोर्ट के आधार पर उचित कदम उठाए जाएंगे. क्योंकि तय तिथि तक कुछ नहीं हुआ है, इसलिये मैं पांच फरवरी 2019 को खत्म किया गया अनशन फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा हूं.’ अन्ना ने किसान आंदोलन के साथ ही सरकार को सीएसीपी को स्वायत्तता प्रदान करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में नाकाम रहने के चलते आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है. 80 वर्षीय अन्ना ने पत्र को पत्रकारों से साथ भी साझा किया है.

गौरतलब है कि बीते 19 दिनों से पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. इस आंदोलन से पहले नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच दो बार वार्ता हुई थी. वहीं आंदोलन ने बाद अब तक किसानों और सरकार के बीच 4 दौर की वार्ता हो चुकी है. किसान आंदोलन के बाद हुई शुरुआती तीन बैठकें सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई थी. 1, 3 और पांच दिसंबर को हुई ये तीनों बैठकें बेनतीजा रही थी. कृषि मंत्री ने किसानों को अगले दौर की बातचीत के लिए 9 दिसंबर को बुलाया था, हालांकि इससे एक दिन पहले 8 दिसंबर को रात में ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों की बैठक ले ली थी.

गृह मंत्री के साथ 13 किसान नेताओं की बैठक हुई थी. रात में हुई यह बैठक करीब ढाई घंटे तक चली थी. बैठक के बाद किसान नेता हनन मुला ने कहा था कि सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेगी. लेकिन संशोधन किया जाएगा. सरकार ने किसानों को अगले दिन इस संबंध में लिखित प्रस्ताव दिया था, हालांकि 9 दिसंबर को किसानों ने अपनी बैठक में सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. इसके बाद अब तक सरकार और किसानों के बीच इसे लेकर कोई वार्ता नहीं हुई है. किसानों का प्रदर्शन जारी है और इसमें लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है.