दिल्ली की नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले ही, अधिकारियों ने महिलाओं को प्रति माह ₹2,500 प्रदान करने की योजना पर कार्य आरंभ कर दिया है। भाजपा की इस चुनावी घोषणा के अनुसार, अनुमानित मासिक व्यय लगभग ₹950 करोड़ होगा, जिससे वार्षिक खर्च लगभग ₹11,400 करोड़ तक पहुंच सकता है।
अधिकारियों का अनुमान है कि इस योजना से लगभग 38 लाख महिलाएं लाभान्वित होंगी। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी मंगलवार को इस योजना पर चर्चा के लिए बैठक कर चुके हैं। वर्तमान में, दिल्ली सरकार की मुफ्त सेवाओं पर वार्षिक खर्च लगभग ₹11,000 करोड़ है, जो कुल बजट का लगभग 14% है।
सरकार का बजट 22,800 करोड़ रुपये तक बढ़ने की संभावना
महिलाओं को सम्मान राशि प्रदान करने की यह योजना बजट के दृष्टिकोण से सबसे बड़ी होगी। इस योजना के लागू होने के बाद, सरकार का बजट बढ़कर 22,800 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। अब, यह विचार किया जा रहा है कि इस राशि की व्यवस्था कैसे की जाएगी और योजना को किस प्रकार कार्यान्वित किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी इस योजना पर आपसी चर्चा आरंभ कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं के खातों में राशि जमा करने की बात कही है।
योजना के प्रत्येक पहलू पर विस्तार से की जा रही चर्चा
अधिकारियों को यह भली-भांति समझ है कि सरकार के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद, इस योजना को लागू करने का दबाव उन पर आएगा। इसलिए, वे अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए, पहले से ही सभी आवश्यक तैयारियों में जुट गए हैं। योजना के प्रत्येक पहलू पर विस्तृत चर्चा की जा रही है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि पहले सरकार को वित्तीय संसाधनों की कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब, चूंकि केंद्र और दिल्ली दोनों में भाजपा की सरकार है, यह समस्या नहीं रहेगी। प्रधानमंत्री स्वयं दिल्ली पर ध्यान दे रहे हैं, इसलिए बजट को लेकर किसी अड़चन का सवाल नहीं उठता। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अब दिल्ली में लंबे समय के बाद विकास तेज गति से दिखाई देगा।