मध्य प्रदेश की मोहन सरकार राजधानी भोपाल की सड़कों का स्वरूप बदलने जा रही है। सरकार ने शहर में 52 नई सड़कों के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। लोक निर्माण विभाग (PWD) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधिकारियों का कहना है कि काम को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए पूरी योजना तैयार की जा रही है। सरकार चाहती है कि निर्माण कार्य में किसी भी तरह की देरी न हो और जल्द से जल्द इसका फायदा आम जनता तक पहुंचे।
DPR और टेंडर प्रक्रिया हुई शुरू
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि इन सड़कों के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है। एक बार प्रशासनिक मंजूरी मिल जाने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इससे निर्माण कंपनियों का चयन किया जाएगा और काम को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाया जाएगा। यह भी तय किया गया है कि सभी परियोजनाओं की प्रगति की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि समय पर काम पूरा हो सके।
ग्रामीण इलाकों पर भी फोकस
सिर्फ शहर ही नहीं बल्कि भोपाल के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में 14 नई चौड़ी सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इससे गांवों और कस्बों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और किसानों से लेकर आम नागरिकों तक को इसका सीधा लाभ मिलेगा। ग्रामीण अंचलों में मजबूत सड़कें बनने से न केवल यातायात आसान होगा बल्कि व्यापारिक गतिविधियां भी तेज होंगी।
प्रदेशभर में सड़क निर्माण का बड़ा अभियान
सरकार का लक्ष्य केवल भोपाल तक सीमित नहीं है। राज्य के अलग-अलग संभागों में 100 से अधिक नई सड़कों का निर्माण करवाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट वर्ष 2025 तक पूरा करने की योजना बनाई गई है। मोहन सरकार का कहना है कि सड़कें किसी भी राज्य के विकास की रीढ़ होती हैं और इन्हें मजबूत करने से उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सभी क्षेत्रों पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
लोगों को क्या होगा फायदा
नई और चौड़ी सड़कों के बनने से सबसे बड़ा लाभ जनता को होगा। यातायात सुगम हो जाएगा, ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी और सफर का समय भी घटेगा। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को आने-जाने में आसानी होगी। सड़कें अच्छी होने से दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। सरकार का कहना है कि जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ही यह बड़ा निर्णय लिया गया है।