पाकिस्तानी पर्वतारोही सिरबाज़ खान ने रचा इतिहास, बिना ऑक्सीजन के माउंट एवरेस्ट किया फतह

Author Picture
By Deepak MeenaPublished On: May 21, 2024

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान से निकलकर एक बड़ी खबर सामने आयी है, स्थानीय मीडिया प्लेटफॉर्म की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के एक शीर्ष पर्वतारोही सिरबाज़ खान ने एक और उपलद्धि हासिल की, जब उन्होंने बिना किसी दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। सिरबाज़ खान ने स्थानीय समयानुसार दोपहर 12ः30 बजे दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत की चोटी पर पहुंचे, और ऑक्सीजन का उपयोग किए बिना पहाड़ पर चढ़ने वाले एकमात्र दूसरे पाकिस्तानी बन गए।


चोटियाँ चढ़ाई पर लगाई गई, गिनतीयाँ
अपनी उपलब्धि में एक और उपलब्धि हासिल करते हुए, सरबाज़ खान ऑक्सीजन सहायता का उपयोग किए बिना 8,000 मीटर से अधिक की 11 चोटियों पर चढ़ने वाले पहले पाकिस्तानी भी बन गए। कुल मिलाकर, खान ने 8,000 मीटर की 13 चोटियों पर चढ़ाई की है। इन 13 चोटियों में से उन्होंने केवल अन्नपूर्णा और कंचनजंगा पर ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ चढ़ाई की।

14 वीं चोटि पर चढ़ाई का बना ‘मिशन‘
इस महीने की शुरुआत में, सरबाज़ खान दुनिया की 14 सबसे ऊंची चोटियों में से 10 पर चढ़ने वाले पहले पाकिस्तानी बने। देश की सरकारी पर्वतारोहण संस्था ‘अल्पाइन क्लब ऑफ पाकिस्तान‘ ने एक बयान में कहा, ‘खान शनिवार सुबह 7 बजे (0115जीएमटी) कि एक टीम के अन्य सदस्यों के साथ‘ दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी 8,586 मीटर कुंचेनजंगा (कंचनजंगा) की चोटी पर खड़े थे।

कहां-से-कहां तक की अपनी यात्रा की शुरूआत ‘खान‘?
उत्तरी गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र की हुंजा घाटी के रहने वाले 32 वर्षीय खान ने 2016 में महज 24 साल की उम्र में एक पर्वतारोही के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। तीन साल बाद, वह माउंट ल्होत्से पर चढ़ने वाले पहले पाकिस्तानी बन गए। दुनिया का चौथा सबसे ऊँचा पर्वत, 8,516 मीटर की ऊँचाई पर पूरक ऑक्सीजन का उपयोग किए बिना चोटी पर चढ़ने वाले पहले पाकिस्तानी थे। उनका लक्ष्य नेपाल और चीन के तिब्बत क्षेत्र के बीच की (माउंट मकालू) सीमा पर और ( गशेरब्रम-1) कश्मीर पर चढ़ाई करके इसे पूरा करना है।