NIA raids On PFI: केंद्रीय एजेंसियां देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही हैं। आधारित जानकारी के अनुसार, केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने Popular Front of India (PFI) के कई स्थानों पर छापेमारी की है। ये छापेमारी मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और दिल्ली में की गई है।
सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई का एक मुख्य उद्देश्य PFI के कनेक्शन की जांच करना है, और एनआईए द्वारा PFI के कुछ सदस्यों की खोज की जा रही है। यह आयोजन केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल सितंबर में PFI पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाने के बाद हुआ है।

इस प्रतिबंध का मुख्य कारण PFI के विश्व स्तर पर आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध और आतंकी वित्त प्रबंधन और हिंसक गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप हैं।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India, PFI) एक भारतीय गैर सरकारी संगठन है जो 2006 में केरल, भारत में स्थापित हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य दावा किया जाता है कि यह सामाजिक न्याय, सामाजिक समरसता, और मानवाधिकारों की रक्षा करता है।
PFI के गतिविधियां विभिन्न भागों में होती हैं, और यह अक्सर मुस्लिम समुदाय के लिए आवाज उठाता है और उनके मुद्दों को उठाता है। हालांकि यह अपने निर्वाचनीय प्रतिनिधित्व के लिए प्रयास किया है, कुछ स्थानों पर PFI को सुरक्षा और आतंकवाद से जुड़े वादों के साथ जोड़ा गया है, लेकिन इसके समर्थक यह दावा करते हैं कि यह एक सामाजिक और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहा है।